Vijay Goel

नवोदय टाइम्स : नीला रंग, धोती कुर्ता पहनने और मालपुआ खाने के शौकीन अटल जी के चित्रों को देख भावुक हुए राष्ट्रपति

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती पर लोक अभियान द्वारा आयोजित भजन संध्या एवं अटल जी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने आज नई दिल्ली में किया। प्रदर्शनी में पुराने चित्रों को देख राष्ट्रपति भावुक हो गए और उनके मानसपटल पर पुरानी यादों में उनके संस्मरण तैरने लगे।
        लोक अभियान के अध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि अटल जी को खाने में मछली, चाइनीज, खिचड़ी, मालपुआ पसंद थे, धोती कुर्ता पहनना ज्यादा पसंद करते थे, नीला रंग, एसडी बर्मन का ओ रे माझी…और लता मंगेश्कर का कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है…पसंदीदा गाने थे। उन्होने बताया कि पिछले 30 सालों से लोक अभियान हर वर्ष भजनों का कार्यक्रम करता रहा है। इसमें विशिष्ट जन आते हैं और अटल जी के बारे में अपने संस्मरण सुनाते हैं। आज के कार्यक्रम में राष्ट्रपति के अलावा, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एवं कई केन्द्रीय मंत्री भी उपस्थित रहे। प्रसिद्ध गायक हरिहरन ने कार्यक्रम में भजनों की श्रृंख्ला प्रस्तुत की। 
      स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि देश के महान सपूत अटल जी ने अपना पूरा जीवन देशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। वो समग्र भारत को साथ लेकर चलते थे। उनका चिन्तन और जीवन संघर्ष की गाथा भावी पीढिय़ों के लिए प्रेरणा है और सदैव हमारा पथ प्रदर्शित करती रहेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आदर्श, नीति और व्यवहार के शिखर पर रहते हुए उनका सारा जीवन राष्ट्रहित में समर्पित रहा। देश उनकी उत्कृष्ट सेवा व राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सदा याद रखेगा। राजनीति के बजाए राष्ट्र नीति को उन्होने सबसे ज्यादा महत्व दिया।

Vision for Delhi

My visions for Delhi stems from these inspiring words of Swami Vivekanada. I sincerely believe that Delhi has enough number of brave, bold men and women who can make it not only one of the best cities.

My vision for Delhi is that it should be a city of opportunities where people

Dog Menace

Latest Updates

People Says

Vijay on Issues

Achievements

Vijay's Initiatives

Recycling toys-recycling smiles.
ll वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, हमारी संस्कृति की पहचान ll

Join the Change