मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के साथ सहयोग किया होता तो आज दिल्ली के हालात कुछ और होते। दिल्ली में पांच साल में किसी तरह का विकास नहीं होने के पीछे मुख्य वजह यही है।
विकास के काम नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव से दो महीने पहले मुफ्त की घोषणाएं करनी पड़ रही हैं। ये घोषणाएं बताती है कि दिल्ली सरकार कितनी विफल हुई है। पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात‘ कार्यक्रम को सुनने के लिए इकट्ठा लोगों के बीच ये बातें कहीं।
गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कहा था कि दिल्ली के अपने पावर स्टेशन होंगे। इनसे 6200 मेगावाट बिजली मिलेगी। यह योजना भी खटाई में चली गई। इसी तरह यमुना में सफाई नहीं हुई, जबकि केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली सरकार यह काम करा सकती थी।
भाजपा को फायदा नहीं पहुंचे, इसे ध्यान में रखकर आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जेजे क्लस्टरों में पक्के फ्लैट दिए जा सकते थे, पर केजरीवाल सरकार ने इस योजना को भी दिल्ली में लागू नहीं होने दिया।
‘नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक‘ योजना पर भी दिल्ली सरकार चुप्पी साधे है। गोयल ने एलान किया कि सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-सिगरेट के खिलाफ अभियान चलाएंगे।