विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रह रहे शरणार्थियों के कैंपों में जाकर उनके साथ जश्न मनाया। इस दौरान खूब ढोल नगाड़े बजाए गए, पटाखे फोड़े गए, मिठाइयां बांटी गईं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जय जयकार करने वाले नारे लगाए गए। बीजेपी नेताओं ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इससे इन पार्टियों के असली चेहरे लोगों के सामने उजागर हो गए हैं। बीजेपी नेताओं ने यह भरोसा भी दिलाया कि नागरिकता संशोधन बिल देश के किसी भी समुदाय के लोगों के अधिकारों का हनन नहीं करता है, इसलिए किसी भी धर्म, समुदाय या जाति के लोगों को इस बिल के प्रावधानों के मामले में किसी भी राजनीतिक दल के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है।
गुरुवार को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने मजनूं का टीला स्थित पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के कैंप में जाकर नागरिकता संशोधन बिल पास होने का जश्न मनाया। इस दौरान गोयल और तिवारी तीन दिन पहले इसी कैंप में जन्मी उस बच्ची से भी खासतौर से मिले, जिसका नाम उसके परिजनों ने 'नागरिकता' रखा है। दोनों ने उसे गोद में लेकर दुलारा और उसके अच्छे भविष्य की कामना की। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन आदर्श नगर स्थित शरणार्थी बस्ती में जाकर हिंदू शरणार्थियों की खुशियों में शामिल हुए। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी रोहिणी के शरणार्थी कैंप में जाकर मिठाइयां बांटीं और यहां के लोगों के साथ मिलकर जश्न मनाया। इस दौरान लोगों ने गुप्ता का मुंह मीठा करवा के मोदी सरकार के प्रति अपना आभार जताया।
बाद में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अब भारत में रह रहे उन हिंदू शरणार्थियों का भी विरोध करने पर उतर आई है, जो पहले से ही दूसरे देशों में प्रताड़ित हो रहे थे और उससे बचने के लिए जिन्होंने भारत में आकर शरण ली थी। आज उन लोगों की आंखों में खुशी के आंसू हैं कि अब उन्हें कानूनी तौर पर इस देश की नागरिकता मिल सकेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रही है। तिवारी ने भरोसा दिलाया कि यह बिल न तो अल्पसंख्यकों के अधिकारों को हनन करने वाला है और ना ही पूर्वोत्तर के राज्यों में रहने वाले लोगों के अधिकारों का इससे कोई हनन होता है।