नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण (COVID-19) का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है. हर गुजरते दिन के साथ यहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल (Vijay Goel) ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए 'सजगता उपवास' शुरू किया है. विजय गोयल दिन भर के उपवास पर बैठे हैं. उन्होंने कहा है कि दिल्ली की सत्ता पर काबिज अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) की सरकार कोरोना के खिलाफ जारी जंग में फेल हो गयी है.
उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने जिस कुशलता के साथ करोना संकट का मुकाबला किया था. और जिस तरीके का वातावरण देश में पैदा हुआ था, भारत दूसरे देशों के सामने एक मिसाल बना. लेकिन दिल्ली में वो नजर नहीं आ रहा है. हमारी चिंता का विषय यह है कि दिल्ली में 6000 से ज्यादा कोरोना के मामले हो गए हैं. गोयल ने कहा कि हमारे सजगता उपवास का लक्ष्य यह है कि जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए, क्योंकि दिल्ली सरकार कोरोना मामले पर पूरी तरीके से फेल साबित हुई है.
दिल्ली सरकार ने लोगों की जान खतरे में डाली
विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली के सभी ग्यारह जिले रेड जोन में हैं, लेकिन उसके बाद भी दिल्ली में शराब की दुकानें खोल दी गईं. सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों की जान खतरे में डाल दी. बिना प्लानिंग के शराब दुकान खोल दी जिसकी वजह से तीन दिन में 1500 कोरोना संक्रमित मरीज दिल्ली में बढ़ गए. पिछले 45 दिन में जो सोशल डिस्टेंसिंग हुई थी एक दिन में उसकी धज्जियां उड़ गईं. शराब की दुकानों के बाहर भारी भीड़ लग गई. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 70 फीसदी दाम शराब के महंगे कर दिए क्योंकि उन्हें पता है कि शराब ब्लैक में बिक रही है जिससे उनको ज्यादा मुनाफा होगा. जहां देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है, दिल्ली सरकार मुनाफा कमाने में व्यस्त है.
कोरोना के कारण लाखों लोगों के पास रोजगार नहीं
बीजेपी नेता ने दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के बढ़ाए गए दाम पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना के चलते लाखों लोगों के पास रोजगार नहीं है. ऐसे में डीजल पर दिल्ली सरकार ने सीधा सात रूपये बढ़ा दिए. डीजल के दाम बढ़ने से हर चीज महंगी हो जाएगी. विजय गोयल ने कहा कि ऐसे में दिल्ली के हर व्यक्ति को प्रहरी बनना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे 'सजगता उपवास' का लक्ष्य लोगों को सजग करना है. ताकि लोग खुद प्रहरी बनकर कोरोना से अपना बचाव कर सकें, क्योंकि इस संक्रमण को रोकने में दिल्ली सरकार पूरी तरीके से फेल साबित हुई है.