1. गांधी स्मृति में दी गयी वीर सावरकर को श्रद्धांजलि
2. सावरकर का मूल्यांकन उनकी भारत की स्वतंत्रता में योगदान पर हो – गोयल
3. गांधी दर्शन में होगा कल रविवार बढ़ी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का कार्यक्रम
नई दिल्ली ; 28 मई, 2022 : गांधी स्मृति एवं दर्शन स्मृति द्वारा वीर सावकर के जयंती पर वीर सावरकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गांधी स्मृति एवं दर्शन के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि विनायक दामोदर सावकर न सिर्फ एक क्रन्तिकारी थे बल्कि एक बुद्धिजीवी, कवी, अप्रतिम क्रांतिकारी ,समाज सुधारक, दृढ राजनेता एवं ओजस्वी वक्ता थे उनके इन्ही गुणों ने उनको देश के महानतम लोगो की श्रेणी में लेकर खड़ा कर दिया।
हिन्दू राष्ट्र की राजनितिक विचारधारा को विकसित करने का बढ़ा श्रेय सावकर को जाता है वे हिन्दुओ में जातिवाद की परम्परा के खिलाफ थे।
गोयल ने कहा देश के आजादी के लिए वीर सावरकर ने अपने जीवन को दाव पर लगा दिया था और 1911 से 1921 तक वो अंडमान जेल में रहे उन्होंने वहां कड़ी यातनाये सही। उन्हें कोलू में बैल की तरह जोतकर तेल निकलवाया गया। हर बार जब भी उन पर उनके आलोचकों ने आरोप लगाए वो निर्दोष होकर बाहर निकले। सावकर पहले भारतीय थे जिन्होंने पूर्व स्वतंत्रता की मांग की।
गोयल ने कहा ये प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे जिन पर स्वतंत्रत भारत की सरकार ने झूठा आरोप लगाया बाद में निर्दोष होने पर माफी सरकार ने माफ़ी भी मांगी।
गोयल ने कहा गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति मे देश के 75वे अमृत महोसत्व में हर क्रन्तिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी का सम्मान किया जाता हैं एवं आने वाले समय में सभी महापुरुषों पर अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे
गोयल ने कहा गांधी दर्शन में देश के प्रधानमंत्री और गांधी स्मृति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम को हर बार बड़े स्क्रीन पर दिखाया जाता है कल रविवार को गांधी दर्शन में मन की बात का कार्यक्रम होगा जिसमे कोई भी भाग ले सकता उसके पश्चात् गांधी जी पर भाषण प्रतियोगिता भी होगी.
गोयल ने कहा केवल और केवल वीर सावरकर ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो कुर्बानी दी हैं उससे ही उनका मूल्यांकन किया जाए।
महात्मा गांधी और सावरकर जी में अनेक विषयो के बारे में सामान विचार थे जैसे हिन्दू सामाजिक व्यवस्था और हिंदी भाषा इत्यादि।