नई दिल्ली : दिल्ली में विकास के सरकारी दावों की असलियत सामने लाने के लिए बीजेपी रोज नए-नए सवाल कर रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को सांसद विजय गोयल ने सीएम अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार से जुड़े दावों को लेकर 10 सवाल पूछे। विधानसभा में विपक्ष नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी सरकार जनहित की योजनाओं से जुड़े तीन सवाल किए। दोनों नेताओं ने सरकार के विकास के दावों को खोखला बताते हुए कहा कि जनहित की योजनाओं के नाम पर सरकार केवल प्रचार प्रसार तक सीमित रही और योजनाओं का कोई फायदा जनता तक नहीं पहुंचा।
विजय गोयल ने सरकार के शिक्षा में सुधार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि झूठा प्रचार करके लोगों से सरकारी स्कूलों में सुधार का दावा किया जा रहा है, जबकि असल में कई स्कूलों में आठवीं क्लास के बच्चे भी ठीक से एबीसीडी नहीं बोल पाते। उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि 2018 में नौवीं क्लास के 76 हजार बच्चे फेल हुए, ढाई लाख बच्चों को दोबारा एडमिशन नहीं दिया गया, शिक्षा के कुल बजट का केवल 30 पर्सेंट ही खर्च हुआ, अगर दिल्ली सरकार के स्कूल इतने अच्छे हैं तो फिर बच्चे प्राइवेट स्कूलों में ईडब्लूएस कैटिगरी के तहत दाखिला क्यों ले रहे हैं, दिल्ली सरकार के 900 में से 595 स्कूलों में प्रिंसिपल के पद और 17 हजार टीचरों के पद अभी तक खाली क्यों है, क्या पिछले पांच सालों में एक भी नया स्कूल खोला गया, क्या आज भी एक ही क्लास में 80-80 बच्चे नहीं पढ़ रहे। गोयल ने कहा कि अगर सीएम इन सवालों का जवाब नहीं देते हैं, तो इसका मतलब यही होगा कि शिक्षा को लेकर उनके तमाम दावे झूठे हैं और झूइा प्रचार करके जनता को केवल भ्रमित किया जा रहा है।
वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना के बाद अब दिल्ली सरकार केंद्र की अंत्योदय अन्न योजना और प्रायोरिटी हाउसहोल्ड योजना का लाभ भी गरीबों तक नहीं पहुंचने दे रही? जन आहार कैंटीन बंद करके भी सरकार गरीब के मुंह से निवाला छीनने का काम कर रही है। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने हमेशा केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं से दिल्ली में रह रहे गरीब लोगों को वंचित रखा है। आने वाले चुनाव में ये लोग केजरीवाल सरकार के खिलाफ वोट करके अपना जवाब देंगे।