
हम नहीं, जनता उनके इन दावों का मुकाबला करेगी। जनता उनसे सवाल पूछ रही है कि आपने इस योजना को अभी क्यों लागू किया? पांच साल पहले से इनकी शुरुआत क्यों नहीं की? मैं आपसे दावे के साथ कह सकता हूं कि आम आदमी पार्टी की ये मुफ्त की योजनाएं काम नहीं करने वाली हैं। अरविंद केजरीवाल ने इन योजनाओं की शुरुआत अंतिम समय में चुनावी लाभ पाने के लिए किया है।क्या इस साल के पहले कभी भैया दूज नहीं होती थी? फिर उन्होंने पांच साल से इस योजना की शुरुआत क्यों नहीं की? इसका जवाब उन्हें जनता ही देगी। जनता को यह पता है कि ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने उसे केंद्र सरकार की पांच लाख की आयुष्मान योजना का लाभ नहीं लेने दिया, ये वही हैं जिन्होंने जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं लेने दिया। जनता ऐसी सरकार को वोट क्यों देगी जो उसे सुविधाएं देने की बजाय उनमें बाधा बनना चाहता है?प्रश्नः पिछले कुछ चुनावों में भाजपा को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में आप समझौते कर अपनी सरकार बचा सके तो महाराष्ट्र में जीत हासिल कर भी सत्ता से दूर रह गये। क्या इन परिणामों का असर दिल्ली में भी होगा?
फिलहाल तो आप दिल्ली की बात कीजिए, और दिल्ली की सच्चाई यह है कि आम आदमी पार्टी 2015 के बाद आज तक कोई चुनाव नहीं जीत पाई है। सबसे नजदीक में अभी-अभी लोकसभा चुनाव बीते हैं। केजरीवाल सातों सीट जीतने का दावा कर रहे थे। जब रिजल्ट आया तो पता चला कि वो एक भी सीट नहीं जीत पाए। पांच सीटों पर केजरीवाल की जमानत जब्त हो गई।
दिल्ली में तीसरे नंबर पर खिसक गये। लोकसभा छोड़िये, वे एमसीडी चुनाव तक नहीं जीत पाए। उनकी मुफ्त की योजनाएं, तो तब भी चल रही थीं। फिर कैसे उन्हें लगता है कि वो विधानसभा चुनाव जीत लेंगे। इसके पहले वे बनारस (वाराणसी) हारे, यूपी हारे, पंजाब में बुरी तरह हारे, हरियाणा में हारे, गोवा हारे, महाराष्ट्र हारे। अरविंद केजरीवाल चुनाव हारने का विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं।
प्रश्नः चुनाव सिर पर हैं, और आपके शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद कम नहीं हो रहा है। क्या इसका असर चुनावों पर नहीं पड़ेगा?
आपको कहां मतभेद दिख गया? कौन सा ऐसा कार्यक्रम है, जहां सभी नेताओं ने कंधे से कंधा मिलाकर काम नहीं किया? ये सब केवल मीडिया का अनुमान है, जबकि असलियत में ऐसा कुछ भी नहीं है। सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं।
रोजाना प्रेस कांफ्रेंस में सभी नेता एक-दूसरे के साथ दिख रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं से लेकर जमीन के कार्यकर्ताओं तक सभी एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं।
प्रश्नः पिछली बार किरण बेदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। उससे पहले हर्षवर्धन के नाम पर वोट मांगे थे। इस बार अभी तक पार्टी का चेहरा स्पष्ट नहीं हो सका है?
देखिए, हम सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेंगे। यह सब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तय करता है। किसी राज्य की स्थिति के हिसाब से उन्हें जो उचित लगता है, वह करते हैं। हम कार्यकर्ता हैं और हम वही काम कर रहे हैं जो जिम्मेदारी हमें दी गई है। जहां तक चेहरे की बात है, तो हमारे सामने केवल दो चेहरे हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह। बाकी जो तय होगा वो आपको पता चल ही जायेगा।
प्रश्नः आपके संकल्प पत्र में कौन से ऐसे मुद्दे होंगे जिन पर जनता आपको चुनेगी?
दिल्ली के लिए हम बड़ी योजनाओं के साथ जनता के सामने जायेंगे। प्रदूषण हमारा बड़ा मुद्दा होगा। अगर केंद्र सरकार ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पैरिफेरल सड़कें न बनवाई होतीं, तो आज दिल्ली में सांस लेने लायक भी हवा न बचती। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर कोई काम ही नहीं किया। यमुना तक साफ नहीं कर सके।
कभी हाईकोर्ट इन्हें डांट रहा है, तो कभी NGT इन पर जुर्माना लगा रहा है। इसके आलावा अन्य भी भारी योजनायें रहेंगी। कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का काम हम जनता को दिखायेंगे।
प्रश्नः आपने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या आप यह दावा करते हैं कि भाजपा के सभी प्रत्याशी बिल्कुल साफ-सुथरी छवि के होंगे?
राजनीति में राजनीतिक केस हों तो यह बात समझ आती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों पर महिलाओं से दुर्व्यवहार, चेन स्नेचिंग और दंगे भड़काने जैसे गंभीर आरोप हैं। केजरीवाल ने जिस तरह हिन्दू विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को टिकट दिया है, मुझे आशंका है कि वे चुनाव के पहले सांप्रदायिक दंगे भी करवा सकते हैं।
यह चुनाव बिल्कुल जमीनी मुद्दे पर होगा और उनके विधायकों ने कोई काम नहीं किया है, इसलिए केजरीवाल कोई भी गलत तरीका अपना सकते हैं।
My visions for Delhi stems from these inspiring words of Swami Vivekanada. I sincerely believe that Delhi has enough number of brave, bold men and women who can make it not only one of the best cities.
My vision for Delhi is that it should be a city of opportunities where people
Read More

Toy Bank
Recycling toys-recycling smiles.

Senior Citizens
ll वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, हमारी संस्कृति की पहचान ll
- Connect with Vijay
- Join the Change