गोयल ने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष का पदभार संभाला
सिर्फ श्रद्धांजलि व पुष्पांजलि तक सीमित न रहें, गांधी जी के सिद्धांतों, आदर्शो को जीवन में अपनाएं
उपाध्यक्ष का पद सौभाग्यपूर्ण, साथ ही चुनौतीपूर्ण भी – बी.एल. संतोष
नई दिल्ली 10 सितम्बर, 2021: विश्व प्रसिद्ध संस्था ‘गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने पर आज विजय गोयल ने तीस जनवरी मार्ग पर स्थित कार्यालय में भाजपा के संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष के आशीर्वचनों के साथ पदभार ग्रहण किया, जिसके पश्चात महात्मा गांधी के बलिदान स्थल पर सभी ने पुष्पांजलिअर्पित की।
इस अवसर पर बी.एल. संतोष ने कहा कि जिस संस्था के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री मोदी हों, उसका उपाध्यक्ष बनना एक तरफ सौभाग्य की बात है, तो दूसरी तरफ बड़ी चुनौती भी है, क्योंकि प्रधानमंत्री स्वयं बहुत परिश्रम करते हैं और अन्य लोगों से भी ऐसी अपेक्षा रखते हैं। विजय गोयल की क्षमताओं में विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि ये बहुत सक्रिय राजनेता हैं, चुनौतियों पर खरा उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमें महापुरूषो की स्मृति में केवल मूर्ति लगाकर और प्रदर्शनी आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि के कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रखना है, अपितु उनके आदर्शो को अपने जीवन में चरितार्थ करना है और घर-घर तक पहुंचाना है।
बी.एल. संतोष ने कहा कि बीसवीं सदी में तीन शब्द बहुत प्रचलित हुए महात्मा गांधी का रामराज्य, विनोबा भावे का सर्वोदय और पं0 दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय। आज देश के प्रधानमंत्री मोदी इन्हीं तीन सिद्धांतों पर चल रहे हैं। प्रशासन भी आगे बढ़ रहा है और देश भी आगे बढ़ रहा है।
उपाध्यक्ष का पद ग्रहण करते हुए विजय गोयल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए मार्ग व आदर्शो का प्रचार-प्रसार करने का पूरा प्रयत्न करेंगे। केवल संगोश्ठियां और सेमिनार तक हमें सीमित नहीं रहन है, बल्कि त्याग भी करना है, गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चल भागीदारी से योजनाएं चला रहे हैं। जैसे स्वच्छता अभियान, शौचालय निर्माण, आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी , भारतीय चिकित्सा आदि।
‘गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वतंत्र निकाय है। नौ सदस्यों के साथ उपाध्यक्ष का मनोनयन तीन वर्ष के लिए होता है। अन्य सदस्यों में विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवी, अनुभवी लोग सदस्य बनाए गए हैं, सर्वश्री बनवारी, सुरेष वी. कलघाटगी, राज बहादुर शर्मा, महेश चन्द्र शर्मा, महादेव आर. देसाई, बिंदेश्वर पाठक, सुश्री निरंजनाबेन कलार्थी, माधवी कुलकर्णी।
2 अक्तूबर को गांधी जयंती और 30 जनवरी को बलिदान दिवस दो ऐसे बड़े कार्यक्रम है, जो गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति हर वर्ष आयोजित करती है।