– गोयल ने किया चांदनी चौक हवेली धर्मपुरा में पतंग प्रदर्शनी का उद्घाटन
– मोदी के चित्रवाली पतंगों की है मार्किट में मांग
– पतंग के खेल को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए – गोयल
नई दिल्ली 13 अगस्त, 2021: चांदनी चौक की प्रसिद्ध हवेली धर्मपुरा में ‘हैरिटेज इंडिया फाउंडेशन’ की ओर से रंग-बिरंगी पतंगों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने किया। इस हवेली को यूनेस्को अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
भांति-भांति की पतंगों में जहां एक ओर तिरंगा, फैंटम, स्पाइडरमैंन, मिक्की माउस, डोरेमोन, मछली आदि पतंगे थीं, वहीं सबसे लोकप्रिय पतंग मोदी जी की फोटो वाली पतंगें थीं।
गोयल ने कहा आसमान में इन दिनों प्रधानमंत्री मोदी जी की फोटो लगी पतंगें उड़ रही हैं। बच्चों के मनपसंद कार्टून वाली पतंगे भी प्रदर्शनी में लगाई गई थी। पतंगबाजी का शौक ऐसा है कि बच्चे और बड़े सभी इसमें मशगूल रहते हैं। लॉकडाउन के कारण पतंगों का कुछ व्यापार रूक गया था, किन्तु अब पतंगों की जमकर बिक्री हो रही है। बच्चों की डिमांड कार्टून पात्र की पतंगों की और तो बड़े लोगों का रूझान राजनीतिक पतंगों पर है।
गोयल ने कहा कि मैं भी बचपन में पतंगें उड़ाता था, और उड़ाने से ज्यादा लूटने में मजा आता था। मां-बाप को चाहिए कि बच्चों को पतंग उड़ाने के लिए प्रोत्साहित करें और मैटेलेटिक व चाइनिज मांजे से उनको दूर रखें। यदि एक बार बच्चे मैदान में हैं या सुरक्षित छत से पतंग उड़ा रहे हैं तो फिर पतंग उड़ाने का मजा ही मजा है।
गोयल ने बताया कि अपने देश में पतंग उड़ाने को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। पतंग उड़ाने के बहुत-से लाभ हैं। इससे दिमाग हमेशा एक्टिव रहता है। आज के समय में जब कम्प्यूटर और मोबाइल के कारण बच्चे घर से नहीं निकलते और उनकी आंखों पर दबाव रहता है, ऐसे में पतंगों से एक तरफ आंखों को फायदा होता है तो दूसरी तरफ हाथ और गर्दन की मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है। पतंग जीवन में उत्साह और रोमांच लाती है और मन प्रसन्न रहता है।
गोयल ने कहा हमारे यहां मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, बैसाखी, रक्षाबंधन और 15 अगस्त को पतंगें बहुत उड़ती हैं। पतंग रंगों का त्योहार सा है, जैसे क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी खेल हैं, ऐसे ही पतंग भी एक खेल है।
गोयल ने कहा कि लुटियन दिल्ली में तो पतंगे इक्का-दुक्का ही नजर आती हैं, पर पुरानी दिल्ली चांदनी चौक में आकाष पतंगों से भरा रहता है। 15 अगस्त को तो चांदनी चौक में एक तरफ कबूतरबाजी होगी, पतंगबाजी होगी तो दूसरी तरफ लोग छतों पर तिरंगा झंडा लहराते हैं और डीजे पर स्वतंत्रता दिवस के दिन खूब डांस करते हैं। किसी को 15 अगस्त का पर्व देखना हो तो वो पुरानी दिल्ली की किसी छत पर चढ़ जाए। रात को मोमबत्ती जलाकर कंडीलें जो हवा में उड़ती हैं, वो देखने वाली होती है।