-आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ ईस्ट दिल्ली में गोयल ने निकाला ‘आरडब्ल्यूए जल मार्च’
– दिल्ली में पानी संकट पर गोयल ने केजरीवाल से पूछे पांच सवाल
– दिल्ली को बेसहारा छोड़ ‘आप’ के नेता अन्य राज्यों के चुनावों में व्यस्त
– भीषण गर्मी में पानी को तरसती दिल्ली की जनता
नई दिल्ली 17 जुलाई, 2021: पानी के संकट के खिलाफ दिल्ली की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन दिल्ली सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में ईस्ट दिल्ली की 22 रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने आज रोहताश नगर इंदिरा प्याऊ से नत्थू कालोनी चौक तक ‘आरडब्ल्यूए जल मार्च’ निकाला।
पानी का संकट दिल्ली में धीरे-धीरे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। लोगों की पानी को लेकर तीन शिकायतें हैं। पहली, भीषण गर्मी में दिल्ली की जनता प्यास से मर रही है और पानी उपलब्ध नहीं है। दूसरी, थोड़ा-बहुत जो पानी आता है, वह गंदा आ रहा है। तीसरी, दिल्ली की जनता टैंकरों से पानी पीने को मजबूर है, जिसकी गुणवत्ता बहुत खराब है।
गोयल के साथ ‘जल मार्च’ में यूनाइटेड रेजीडेंट्स ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ गांधी, मंत्री अमित शर्मा, पूर्व उपमहापौर दिव्य जायसवाल, प्रवेश शर्मा, लोक अभियान के महामंत्री सतपाल भाटिया प्रमुख लोगों में थे।
गोयल ने कहा कि दिल्ली में पानी का संकट और गंदा पानी इसलिए है कि पानी का उत्पादन 935 एमजीडी है, जबकि लोगों तक सरकार 500 एमजीडी पानी पहुंचाती है। केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के नेता गोवा, उत्तराखंड, पंजाब के चुनाव में लगे हैं और दिल्ली को बेसहारा छोड़ दिया है।
गोयल ने कहा, इस भीषण गर्मी में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से काम नहीं करते, इसलिए गंदा पानी लोगों को पीने को मिलता है। जिस टैंकर माफिया के खिलाफ केजरीवाल बोला करते थे, उसी टैंकर माफिया के भ्रष्टाचार में खुद आम आदमी पार्टी लिप्त है। दिल्ली में जब कई इलाकों में पाइपलाईन बिछी ही नहीं है तो पानी कैसे पहुंचेगा ?
गोयल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा का यह बयान गलत है कि हरियाणा से पानी नहीं आ रहा। सच तो यह है कि हरियाणा ने आज तक एक बूंद पानी भी नहीं रोका। दिल्ली सरकार आईसीयू बैड, ऑक्सीजन की तरह सिर्फ दूसरों को दोश देने में लगी है। भीषण गर्मी में दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिल रहा, केजरीवाल के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
लोगों को सम्बोधित करते हुए गोयल ने केजरीवाल सरकार से 5 सवाल किए –
पहला, जल बोर्ड में अब तक कितना घाटा हो चुका है।
दूसरा, पानी का 47 प्रतिशत रिसाव रोकने के लिए दिल्ली सरकार क्या कर रही है।
तीसरा, दिल्ली में पानी के टैंकरों के कितने ठेकेदार हैं और ये पानी कहां से भरते हैं।
चौथा, दिल्ली के कितने भाग में अब तक पानी की पाइपलाईन नहीं डली है।
पांचवा, यमुना का पानी साफ करने के लिए अब तक कितने करोड़ खर्च हुए हैं।