प्रेस वक्तव्य
– 1000 बसों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार पर गोयल करेंगे आईटीओ चैराहे पर प्रदर्शन
– भ्रष्टाचार से घबराकर दिल्ली सरकार ने बसों की खरीद पर रोक लगाई – गोयल
– बस खरीद में भ्रष्टाचार की पुष्टि वाली कमिश्नर विजिलेंस की रिपोर्ट दिल्ली सरकार
सार्वजनिक करे – गोयल
– दिल्ली सरकार द्वारा की गई सभी बड़ी डीलों की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए
नई दिल्ली 18 जून, 2021: पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में हुए घोटाले पर आईटीओ चैक पर ‘लोक अभियान’ के कार्यकर्ताओं के साथ कल प्रदर्शन करेंगे।
गोयल ने कहा दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ दिनों में जितनी भी बड़ी डील की हैं, चाहे वो बसों की हो, शराब की या जल बोर्ड के टेंडरों की, उन सबकी उपराज्यपाल को सीबीआई से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि दूसरे राज्यों में चुनाव के फंड के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
गोयल ने कहा कि बसों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसका मकसद निजी कम्पनियों को फायदा पहुंचाना है। स्वयं परिवहन निगम की जांच में भी इस मामले के बारे में भारी हेर-फेर की बात कही गई है। 4 जून को कमिश्नर विजिलेंस ने एक रिपोर्ट में बस खरीद में भ्रष्टाचार की पुष्टि की थी, दिल्ली सरकार उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करे।
गोयल ने कहा कि इस मामले में उपराज्यपाल ने 16 जून को जांच के लिए एक समिति बनाने की बात की थी, जबकि दिल्ली सरकार ने इस मामले में 11 जून को ही बसों की खरीद और रखरखाव के वर्क आर्डर रोकने का फैसला ले लिया, वो कैसे। इससे साफ जाहिर होता है कि परिवहन निगम में बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार से घबराकर दिल्ली सरकार ने इस पर रोक लगाई और अब इसके लिए उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी का बहाना लिया जा रहा है।
गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत झूठ बोल रहे हैं कि 11 जून को बस खरीद और रख-रखाव के वर्क आर्डर पर रोक इसलिए लगाई कि उपराज्यपाल ने 16 जून को कमेटी बना दी। आश्चर्य की बात है कि 875 करोड़ की 1000 बसों के रख-रखाव पर दिल्ली सरकार 3500 करोड़ रूपए खर्च कर रही है और जब 16 जून को कमेटी बनी तो 11 जून को आर्डर कैसे निकल सकता है। स्पष्ट है कि कहीं न कहीं बसों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।