
1. राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित भजन संध्या व प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
2. अटल जी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी देख भावुक हुए राष्ट्रपति
3. दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में हरिहरन के भजनों ने बांधा समां
नई दिल्ली; 25 दिसम्बर, 2021: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती 25 दिसम्बर पर ‘लोक अभियान’ द्वारा आयोजित भजन संध्या एवं अटल जी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने आज नई दिल्ली में किया। प्रदर्शनी में पुराने चित्रों को देख राष्ट्रपति भावुक हो गए और उनके मानसपटल पर पुरानी यादों में उनके संस्मरण तैरने लगे।
कार्यक्रम के संयोजक पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं लोक अभियान के अध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि अटल जी के जन्मदिवस पर पिछले 30 सालों से ‘लोक अभियान’ द्वारा हम हर वर्ष प्रसिद्ध गीतकार, संगीतकार द्वारा भजनों का कार्यक्रम करते आए हैं, जिसमें कई विशिष्ट अतिथि आते हैं और अटल जी के बारे में अपने-अपने संस्मरण सुनाते हैं।
आज के कार्यक्रम में राष्ट्रपति के अलावा, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा एवं कई केन्द्रीय मंत्री भी उपस्थित रहे।
दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में प्रसिद्ध गायक हरिहरन जी के भजनों ने समां बांध दिया। सभी वर्गों से लोग यहां आए हुए थे।
लोकसभाध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि देश के महान सपूत अटल जी ने अपना पूरा जीवन देशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। वो समग्र भारत को साथ लेकर चलते थे। उनका चिन्तन और जीवन संघर्ष की गाथा भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है और सदैव हमारा पथ प्रदर्शित करती रहेगी।
जम्मू व कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आदर्श, नीति और व्यवहार के शिखर पर रहते हुए उनका सारा जीवन राष्ट्रहित में समर्पित रहा। देश उनकी उत्कृष्ट सेवा व राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सदा याद रखेगा। राजनीति के बजाए, राष्ट्र नीति को श्रद्धेय अटल जी ने सबसे ज्यादा महत्व दिया।
गोयल ने अटल जी के संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि मैंने 40 सालों में उनका स्नेह पाया, नजदीक से देखा विपक्ष के नेता के रूप में और प्रधानमंत्री के रूप में जब मैं प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री था, तब उन्हें काफी करीब से जानने का अवसर मिला। अटल जी को खाने में मछली, चाइनीज, खिचड़ी, मालपुआ पसंद थे, धोती कुर्ता पहनना ज्यादा पसंद करते थे, नीला रंग अच्छा लगता था, एस.डी. बर्मन का ‘ओ रे माझी... और लता जी का ‘कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है..’ उनके पसंदीदा गाने थे।
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