महंगाई के अपने ही लाभ और हानि हो सकते हैं, ख़राब वे है जो ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। हमारी सरकार ने प्याज के निर्यात के साथ आलू के दामों को भी कंट्रोल किया है, उस की एमईपी प्राइस भी तय की है। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार सरकार ने यह भी किया की राज्य सरकारों को इस बात की अनुमति दी कि कुछ चीज़ों की शोर्टेज होने पर वे उनका आयत सीधे कर सकती है व उस ही सरकार ने एपीएमसी एक्ट से उन सब चीजों को जो खाद्य चीज़ें थी, मुक्त किया था ताकि किसान आये और अपनी मर्ज़ी से जिसको चाहे अपना माल बेच सकते हैं। हमारी सरकार ने जगह जगह गवर्नमेंट आउटलेट्स खोले और व्हीकल के थ्रू माल बेचने की शुरुवात की। जनता चाहती है कि यह जो साकार आई है कम से कम इससे एक साल तो देखें। प्रधानमंत्री ने कभी यह बात नहीं कही कि मैं सौ दिन के अन्दर महंगाई कम कर दूंगा, जैसे मनमोहन सिंह जी ने दावा किया था। उन्होंने कहा कि हम साठ महीने चुन कर आयें हैं, हमारी सरकार को आप रिजल्ट देने दीजिये और उसके बाद परिणाम देखिये। इतनी छोटी अवधि के अन्दर इस सरकार ने कितने कदम उठाये हैं। अभी हमारी सरकार ने राज्यों को 50 लाख टन चावल और दिया ताकि उसके दाम न बढें। मुझे एक उदाहरण याद आता है कि एक आदमी की कार खराब हो गई, वह इंजन खोल कर अपनी कार ठीक करने लगा और पीछे वाला जो आदमी था वह जोर-जोर से हॉर्न बजाने लगा। तो वह आदमी पीछे गया और उसने उससे कहा कि ऐसा कर, तू मेरी कार ठीक कर, मैं तेरा हॉर्न बजाता हूँ, क्योंकि लगता है दोनों चीजें आपकी जरूरत हैं। आप क्या कर रहे हैं? आप बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। मैं नहीं कहता कि ओप्पोजिशन को बोलने का हक नहीं है, किन्तु ओप्पोजिशन को बोलने का हक तब है, जब वह सरकार को कुछ मौका दे। कुछ चीजें हमारे कंट्रोल में नहीं है, जैसे रेलवे के अंदर 25 हजार करोड़ रूपए का घाटा था। आप वाह-वाही लूटते रहे, आपने 60 हजार किसानों के कर्जे माफ कर दिए, वाह-वाही लूट ली, मगर किसानों के कर्जे माफ हुए या नहीं हुए, उन तक पैसा गया या नहीं गया, हमें मालूम नहीं है। आज मेरी सरकार भी चाहती तो वाह-वाही लूट सकती थी और रेलवे के किराए बढ़ाने के बजाय किराए कम कर सकती थी, किन्तु अच्छे दिन तभी आएंगे, जब सरकार कुछ सख्त कदम उठाएगी। हमारी सरकार सख्त कदम उठाने में विश्वास रखती है, क्योंकि अगर अभी आप थोडा कष्ट सहेंगे, तो आगे आने वाले समय में यह सरकार आपको राहत देने वाली है। कांग्रेस ने दस साल के अंदर जो किया है, मैं उसकी निंदा नहीं कर रहा हूँ। मैं इतना ही कह रहा हूँ कि हर प्रधानमंत्री ने कोशिश की होगी किन्तु देश रसातल के अंदर चला गया था। अब यह सरकार आई है, इसको मौका दीजिए, यह काम करके दिखाएगी और अभी तक इसने जितने उपाय किए हैं, उतने उपाय इतने शोर्ट टर्म के अंदर दूसरे किसी प्रधानमंत्री और दूसरी कोई सरकार नहीं कर सकती।