पश्चिमी दिल्ली : हिंदूराव अस्पताल में हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर वेतन मिलने के साथ ही काम पर वापस आ गए हैं। यह हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई। यह अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार से शुरू हुई थी। दोपहर को अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉक्टरों की मांगें लिखित रूप से मान ली गई। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें दो माह का वेतन मंगलवार दोपहर को आ चुका है। जबकि बकाया वेतन 24 घंटे के भीतर आने का आश्वासन दिया है।
इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को भी जल्द से जल्द लागू करने का आश्वासन मिला है। डॉक्टरों का कहना है कि वेतन को लेकर उन्हें हर बार समस्या से जूझना पड़ता है। इसलिए उन्होंने नगर निगम और प्रबंधन से दोबारा वेतन न रोके जाने की अपील भी की है। बता दें कि तीन माह से वेतन न मिलने से नाराज डॉक्टरों ने सोमवार को सड़क पर ही ओपीडी लगाकर मरीजों को इलाज किया।
हालांकि, इसका मरीजों को कोई लाभ नहीं हुआ, क्योंकि अस्पताल के मेडिकल स्टोर से हड़ताली डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाइयां देने से इंकार कर दिया। वहीं, कुछ देर बाद अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर सड़क पर चल रही ओपीडी बंद करा दी और स्थायी कर्मचारियों की मदद से अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू करवाई।
गोयल ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल करवाई खत्म आप पार्टी की केजरीवाल सरकार ने भाजपा शासित एमसीडी के साथ जो सौतेला व्यवहार किया और निगमों को समय पर फंड नहीं दिया, उसके कारण हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डाॅक्टर्स तीन महीने से वेतन न मिलने से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वे एमसीडी के काम करने में बाधा डाल रहे हैं।
गोयल ने अपनी उपस्थिति में ही डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म करवाई। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से मिलने विजय गोयल मंगलवार को अस्पताल पहुंचे जिनके साथ नॉर्थ एमसीडी के मेयर अवतार सिंह भी मौजूद रहे। गोयल धरने पर बैठे डॉक्टरों के साथ करीब तीन घंटे तक रहे।
इस दौरान उन्होंने नॉर्थ एमसीडी आयुक्त वर्षा जोशी से बात की और हिन्दू राव अस्पताल की एमएस संगीता अजमानी को धरना स्थल पर बुलाया। उसके बाद डाॅक्टर्स के साथ उनकी मांगों को लेकर वार्ता की। गोयल तब तक धरना स्थल पर बैठे रहे, जब तक कि रेजिडेंट डाॅक्टर्स की दो महीने की सैलरी उनके बैंक खातों में नहीं आ गई।
फोन पर मिली वेतन आने की जानकारी डॉक्टरों को फोन पर वेतन आने की जानकारी मिली, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। दोपहर एक बजे हड़ताल खत्म होने के बाद अस्पताल के आपातकालीन विभाग में डॉक्टर मरीजों के उपचार के लिए पहुंचे। उधर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, फोर्डा सहित तमाम चिकित्सकों के संगठन का समर्थन भी डॉक्टरों को मिला। फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमेध ने कहा कि डॉक्टरों को वेतन न मिलना चिकित्सीय क्षेत्र के लिए बहुत दुखद है। डॉक्टर मरीजों की सेवा करते हैं, लेकिन डॉक्टरों की सुनने वाला कोई नहीं है।