नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली में भाजपा ने सातों की सातों सीटों पर कमल खिला दिया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आखिरी वक्त तक कांग्रेस से गठबंधन की पहल करते रहे मगर यह नाकामयाब रहा। भाजपा के नेताओं ने अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। अगर आप और कांग्रेस में गठबंधन होता तो क्या होता इस पर भाजपा के विजय गोयल ने दोनों की पार्टियों पर तंज कसा। कहा इन्होंने विश्वास खो दिया है, वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप और कांग्रेस दोनों को ही नकारात्मक प्रचार के लिए कोसा है। भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा जनता ने झूठ की सियासत को नकार दिया है। आइए पढ़ते हैं तीनों नेताओं के बयान।
दिल्ली में मिली एतिहासिक जीत से भाजपा में खुशी की लहर है। भाजपा कार्यालय से लेकर सड़कों पर भाजपा समर्थक जश्न मनाते दिखे। भाजपा नेताओं ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास, कार्यकर्ताओं की मेहनत जनता के विश्वास की जीत बताया है।
पीएम की नीतियों से हर वर्ग हुआ लाभांवित : विजय गोयल
केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री की नीतियों से हर वर्ग को लाभ हुआ है। लोगों ने उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना समर्थन दिया है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई है जिससे यह स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के बीच अपना विश्वास खो दिया है
अगर होता कांग्रेस और आप में गठबंधन तो मिलती भारी मतों से जीत
कांग्रेस और आप में गठबंधन भी होता तो भाजपा भारी मतों से जीत हासिल करती। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार और उसके बाद केजरीवाल ने गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी की है। वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्रधानमंत्री पर अपनी हत्या कराने की साजिश रचने का मनगढंत आरोप लगाया जिससे उनकी मानसिकता का पता चलता है। दिल्ली की जनता ने अराजकता, गाली-गलौच और आरोप की राजनीति को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि यह जीत मोदी की जीत है
विशाल जनादेश सुशासन का परिणाम : विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा मोदी के पक्ष में आया विशाल जनादेश 'सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास' पर आधारित सुशासन का परिणाम है। दिल्ली की जनता ने आप और कांग्रेस की राष्ट्रविरोधी व जनविरोधी नीतियों को दरकिनार कर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ नाकारात्मक प्रचार अभियान चलाया था और दिल्लीवासियों के दिलों में घृणा और अविश्वास पैदा करने की कोशिश की थी। लेकिन, दिल्ली की जनता ने विपक्ष की नाकारात्मक राजनीति को नकार दिया है।