ऑटो खरीदने के लिए 30 हजार रुपये बैग में लेकर दिल्ली आ रही थीं सुनीता
गाजियाबाद के मोहन नगर में ऑटोवाला रकम ले उड़ा, साहिबाबाद चौकी में केस दर्ज
वारदात के बारे में पता चलने पर सांसद और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने उनकी आर्थिक मदद की
नई दिल्ली
सामाजिक बंदिशों और रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़कर, सालों की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद अपने दम पर इकट्ठा की गई जमा पूंजी कोई आपसे लूट ले जाए, तो कैसी तकलीफ होती है, इसका अंदाजा वही लगा सकता है, जिसने इतना संघर्ष किया हो और जिसके साथ ऐसी कोई घटना घटी हो। दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत की पहली महिला ऑटो चालक के रूप में विख्यात राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता सुनीता चौधरी ने गुरुवार को जब आपबीती एनबीटी के साथ शेयर की, तो उनकी आंखों से आंसू छलक आए।
मालवीय नगर निवासी सुनीता ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां का निधन हो गया था। उसके बाद उनका एक गंभीर एक्सिडेंट हो गया, जिसमें उनके पैर का निचला हिस्सा बुरी तरह कट गया था। अस्पताल में 16 टांके लगे और दो महीना बेड रेस्ट करना पड़ा। मां की बीमारी और अपने इलाज के दौरान जब पैसों की दिक्कत खड़ी हुई, तो उन्हें अपना ऑटो बेचना पड़ा। किसी तरह खुद को संभालने के बाद सुनीता ने एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े होने की ठानी। नया ऑटो खरीदने के लिए उन्होंने अपनी पूरी जमा पूंजी लगाने का फैसला कर लिया। उनके पास 30 हजार रुपये थे, जो डाउन पेंमेंट के रूप में उन्हें जमा कराने थे। बाकी की रकम लोन के रूप में मिलने वाली थी।
मंगलवार को वह यूपी के हस्तिनापुर स्थित अपने घर से बस से सुबह 10 बजे के करीब वह गाजियाबाद में मोहन नगर क्रॉसिंग पर उतरीं। उनके पास दो बैग थे, जिनमें से एक बैग में उन्होंने 30 हजार रुपये रखे हुए थे। वहां से शेयरिंग ऑटो में वह आनंद विहार की तरफ आ रही थीं। ऑटो में दो लोग पीछे और एक आगे ड्राइवर के पास बैठा हुआ था। सुनीता ने बताया कि रास्ते में ऑटो चालक ने अपने साथ बैठे शख्स को पीछे बैठने के लिए कहा। आगे बैठा शख्स पीछे आ गया, तो जगह बनाने के लिए बाकी दोनों सवारों ने सुनीता से कहा कि वह अपने दोनों बैग पीछे रख दें।
कुछ देर बाद ड्राइवर ने ऑटो खराब होने की बात कहकर ऑटो बीच में ही रोक दिया और सुनीता से कहा कि वह दूसरा ऑटो लेकर चली जाए। सुनीता ने अपने बैग बाहर निकाल कर रख लिए और दूसरे ऑटो का इंतजार करने लगी। तभी ऑटो वाला और उसमें सवार तीनों लोग फरार हो गए। शक होने पर सुनीता ने अपना बैग चेक किया, तो 30 हजार रुपये गायब थे।
उन्होंने पुलिस कॉल की, तो पहले पुलिस इलाके के चक्कर में उलझी रही। फिर उन्होंने जब अपने बारे में पुलिसवालों को बताया कि वह उत्तर भारत की इकलौती महिला ऑटो चालक के रूप में फेमस हैं, तो पुलिसवालों ने केस दर्ज करने की हामी भरी। शाम 4:30 बजे के करीब साहिबाबाद चौकी में उनके साथ हुई घटना के संदर्भ में केस दर्ज किया गया।
विजय गोयल ने 30 हजार का चेक दिया
महिला ऑटो चालक सुनीता के साथ हुई वारदात के बारे में पता चलने पर सांसद और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने उनकी आर्थिक मदद करने का फैसला किया। गुरुवार को गोयल के निर्देश पर मालवीय नगर की बीजेपी पार्षद नंदिनी शर्मा ने सुनीता से संपर्क किया और उन्हें लेकर गोयल के सरकारी आवास पर पहुंचीं। सुनीता की आंखों से उस वक्त भी आंसू छलक रहे थे। गोयल ने उन्हें ढांढस बंधाया और इस बात का भरोसा दिलाया कि वह अकेली नहीं हैं। उन्होंने सुनीता से उनके साथ हुई वारदात की पूरी जानकारी ली और उसके बाद उनकी मदद करते हुए सांसद के तौर पर मिलने वाली अपनी सैलरी से 30 हजार रुपये का चेक सुनीता को सौंपा।
उन्होंने सुनीता से कहा कि उन्हें किराए पर ऑटो लेकर चलाने की जरूरत नहीं है। वह अपना नया ऑटो खरीदें और उसे ही चलाएं। सुनीता ने गोयल का आभार जताते हुए कहा कि यह 30 हजार रुपये उनके लिए 30 लाख रुपयों से कम नहीं हैं। गोयल ने एक और घोषणा करते हुए कहा कि अब वह हर महीने सांसद के रूप में मिलने वाली अपनी सैलरी को ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की सहायता पर खर्च करेंगे।