भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने गुरुवार को राज्यसभा में देश से पूरी तरह लॉटरी बंद करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि लॉटरी एक सामाजिक बुराई है. इसके कारण देश में लाखों लोग बर्बाद होते हैं, आत्महत्या करते हैं, अपने घर के आभूषणों के साथ घर तक बेच देते हैं. इससे सबसे ज्यादा गरीब लोग प्रभावित होते हैं.
विजय गोयल ने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल में चल रही है लॉटरी पर पाबंदी लगनी चाहिए, जिससे कि वहां के लोग इस सामाजिक बुराई से निजात पा सकें. उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से एक विधेयक आए जिससे कि इन चार राज्यों में भी प्रतिबंध लगाया जा सके.
गोयल ने यह मुद्दा राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया. उन्होंने कहा कि जब हमने पूरे देश के अंदर लॉटरी बंद करने का अभियान चलाया, तब सत्ता पक्ष और विपक्ष के 134 सांसदों ने हस्ताक्षर कर इसे बंद करने पर अपनी सहमति जाहिर की थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल ने लॉटरी के खिलाफ सदन में प्रस्ताव लाकर उस पर रोक लगा दी.
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान लॉटरी के खिलाफ एक बिल आया था, जिस पर देश के सभी राजनीतिक दलों के सांसद ने अपनी सहमति जाहिर की थी. इसके बाद देश में एकल-अंक लॉटरी को बंद किया गया.
गोयल ने कहा कि उस समय सभी सदस्यों की मांग थी कि एकल-अंक की लॉटरी के साथ दोहरी-अंक वाली लॉटरी को भी देश के अंदर से समाप्त कर दिया जाए. 1998 में लॉटरीज(रेगुलेशंस) एक्ट पारित किया, जिसके द्वारा किसी राज्य सरकार द्वारा लॉटरी ड्रॉ आयोजित करने की संख्या की सीमा तय की गई, राज्य सरकारों को दूसरे राज्यों द्वारा आयोजित लॉटरियों पर लगाम लगाने का अधिकार दिया गया.
उस समय स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी थे. दूसरा बिल 1999 में लॉटरीज(रेगुलेशंस) एक्ट आया था लेकिन उस कमेटी के अंदर यह फैसला नहीं हो पाया कि देश के अंदर से पूरी तरफ से लॉटरी समाप्त किया जाए और यह कहकर छोड़ दिया गया कि इस पर फैसला सभी राजनीतिक दल लेंगे. उन्होंने कहा कि आज जो देश में 20 प्रतिशत लॉटरी चल रही हैं, उस पर भी पूरी तरफ से प्रतिबंध लगाया जाए.