राज्यसभा में दिल्ली को हिंदी और अंग्रेजी में अलग-अलग तरीके से लिखे जाने पर आपत्ति जताते हुए विजय गोयल ने कहा कि अंग्रेजी में देहली की बजाय दिल्ली लिखा जाना चाहिए। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जब चेन्नई में नाम परिवर्तन के मामले पर सवाल पूछे जा रहे थे तो भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा कि वैसे तो दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ और हस्तिनापुर रखे जाने की चर्चा भी होती रहती है। लेकिन अभी वह दिल्ली को हिंदी और अंग्रेजी में अलग-अलग तरीके से लिखे जाने का मुद्दा उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंदी में लिखा जाता है। लेकिन इसे अंग्रेजी में डीइएलएचआई यानी देहली लिखा जाता है। जबकि इसे अंग्रेजी में भी दिल्ली लिखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बदलाव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने जानना चाहा कि क्या गृह मंत्रालय दिल्ली की स्पेलिंग में सुधार करेगा? इस पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि गृह मंत्रालय की नाम परिवर्तन के मामले में भूमिका सिर्फ एनओसी देने तक ही सीमित है। बाकी कार्य राज्यों या दूसरे विभागों के जिम्मे होता है। मंत्रालय अपने स्तर पर कोई बदलाव नहीं करता है। उसे प्रस्तावों को देखना होता है।
दिल्ली नाम कैसे पड़ा :
गोयल ने कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों से सरकारें समय-समय पर शहर, राज्य और स्टेशनों के नाम बदलती हैं। किस महत्व के कारण दिल्ली का नाम पड़ा इसके बारे में निश्चित रूप से तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कहते हैं कि मौर्य वंश के राजा दिल्लू के नाम पर शायद यह नाम पड़ा। यह भी कहा जाता है कि गंगीय क्षेत्र में जो इलाका है उसका गेटवे दिल्ली था। इसलिए देहलीज के नाम पर दिल्ली हुआ।