नई दिल्ली
दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा के सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने बुधवार को संसद में दिल्ली के अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग बदलने की मांग करके एक नई बहस को जन्म दे दिया है। गोयल ने मांग रखी है कि दिल्ली की स्पेलिंगDelhi के बजाय Dilli की जाए। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि डेल्ही नाम में दिल्ली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की झलक नहीं मिलती है, इसलिए अंग्रेजी में भी इस शहर के नाम की स्पेलिंग दिल्ली ही होनी चाहिए। उन्होंने जल्द ही गृह मंत्रालय को इस संदर्भ में एक प्रस्ताव भेजने की बात भी कही है।
गोयल का कहना है कि राजधानी का नाम दिल्ली किस महत्व की वजह से पड़ा, यह निश्चित रूप से तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन लोकप्रिय धारणाएं बताती हैं कि दिल्ली का नाम मौर्य राजवंश के शासक राजा दिल्लू से मिला, जिन्होंने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में इस शहर का नाम खुद के नाम पर रख दिया था। वहीं कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम दहलीज़ शब्द से मिला, क्योंकि दिल्ली को एक तरह से सिंधु-गंगा के मैदानों के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता था।
अपनी मांग के पीछे की वजह समझाते हुए गोयल ने कहा कि दिल्ली नाम में इस शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत झलकती है, जबकि डेल्ही शब्द सुनने पर वह अहसास नहीं होता है। साथ ही इसकी वजह से लोगों के अंदर एक तरह का भ्रम भी पैदा होता है, क्योंकि कुछ लोग इसे डेल्ही कहते हैं, तो वहीं ज्यादातर लोग दिल्ली कहते हैं। उन्होंने बताया कि वैसे दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ या हस्तिनापुर रखे जाने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी है, लेकिन इस समय वह यह नहीं कह रहे कि ऐसा कोई बदलाव हो, लेकिन कम से कम राजधानी के नाम की स्पेलिंग में सुधार करके एकरूपता तो लाई ही जा सकती है।
गोयल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाने के लिए किसी शहर या जगह का नाम बदला गया हो। आजादी के बाद से ही कई बड़े शहरों के नामों को कानून पास करके बदला गया है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि जैसे कोचीन का नाम बदलकर कोच्चि रखा गया, बॉम्बे का नाम मुंबई किया गया, इंदुर का नाम इंदौर, पूना का पुणे, बनारस का वाराणसी या कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता किया गया। इसी तरह कई शहरों के नामों की स्पेलिंग भी सही की गई। जैसे Kawnpore को Kanpur लिखा जाने लगा, Monghyr को Munger और Orissa को Odisha किया गया। इसी तर्ज पर उन्होंने दिल्ली के नाम की स्पेलिंग में सुधार करने की मांग रखी है। गोयल ने कहा कि इस बारे में वह अन्य राजनीतिक दलों से भी चर्चा करेंगे और एकराय कायम करने की कोशिश करेंगे। उसी के बाद वह गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेंगे।