नई दिल्ली : राज्यसभा के 249वें सत्र के शून्यकाल की चर्चा के दौरान गुरुवार को सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय गोयल ने दिल्ली-एनसीआर में धोखेबाज बिल्डरों से धोखा खाए लाखों घर-खरीददारों की समस्या का मुद्दा उठाया। यह कहते हुए कि यह धोखाधड़ी मध्य-वर्ग के साथ बलात्कार के समान है, उन्होंने कहा कि जो बिल्डर छल-पैसे की लालसा से जानबूझकर घर-खरीददारों को धोखा देते हैं उन्हें फांसी जैसी सजा मिलनी चाहिए।
चीन, वियतनाम और थाईलैंड सहित कई देश ऐसे वाइट-कॉलर अपराधों के लिए मृत्युदंड की नीति रखते हैं। गोयल ने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आम्रपाली ग्रुप के 48,000 फ्लैट-खरीददारों को राहत तो मिले, लेकिन शेष लाखों घर-खरीददार आज भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। घर-खरीददारों की समस्या के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि फ्लैट-खरीददारों को होम लोन की ईएमआई और अपने वर्तमान घरों के किराए की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, जबकि धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर इन लोगों की मेहनत की कमाई को लूट कर अभी भी गायब हैं।
इन लंबित प्रोजेक्ट्स की संपत्ति और इन्वेंट्री के परिसमापन के बाद मिली राशि पर पहला अधिकार, बैंको का या लाइसेंसिंग अथॉरिटीज का नहीं, बल्कि घर-खरीददारों का होना चाहिए। गोयल ने मांग की कि धोखाधड़ी करने वाले डेवलपर्स के अलावा, इन अधूरी आवास परियोजनाओं में हिस्सेदार हस्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए यदि उनके द्वारा प्रचार किये गए प्रोजेक्ट्स फर्जी निकलते हैं।