नई दिल्ली : राज्य सभा सांसद विजय गोयल ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली और उनका 48 वर्षों का संबंध था। 1971 में पहली बार वे श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मिले थे। जेटली उनके सीनियर थे। कॉलेज की यूनियन में वे अध्यक्ष और गोयल संयुक्त सचिव रहा था। दोनों नेताओं का साथ विद्यार्थी परिषद में छात्र राजनीति से शुरू होकर हमेशा बना रहा।
गोयल ने कहा कि कॉलेज के दिनों में हम लोग दूसरे कॉलेजो में डिबेट के लिए जाते थे। छात्र संघ के आंदोलनों और जय प्रकाश नारायण के आंदोलनों में भी एक साथ हमने भाग लिया। जिस समय जनता पार्टी बनी तब जेटली को कार्यकारणी में रखा गया था, लेकिन विद्यार्थी परषिद के दबाव में उन्होंने त्याग पत्र दे दिया था। जेटली खाने-पीने के शौकीन थे और उन्हें परांठे बहुत पसंद थे। वे चांदनी चौक में जब भी हमारी हवेली आते थे तो परांठे की ही मांग करते थे।
इमरजेंसी में सबसे पहला जुलूस हमने अरुण जेटली की लीडरशिप में ही निकाला था। उसमें वे बाद में गिरफ्तार होकर जेल चले गए और पूरे 19 महीने जेल में रहे। मैं और रजत शर्मा बाद में सत्याग्रह कर जेल गए। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली एक अच्छे अंग्रेजी और हिंदी के वक्ता थे। देश के प्रसिद्ध वकीलों में वे शुमार थे।
तिवारी ने जताया शोक
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि मैं इस दुखद समाचार से स्तब्ध हूं। यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है क्योंकि देश ने एक महान अर्थशास्त्री, अधिवक्ता, प्रखर वक्ता खो दिया है। जेटली का दिल्ली के लोगों से बेहद स्नेह था और वह समय-समय पर दिल्ली भाजपा को अपना मार्गदर्शन देते रहते थे।
उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके निधन से खाली हुए स्थान को भर पाना मुश्किल है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिवार को इस मुश्किल घड़ी को सहन करने की शक्ति दे। देश उनके योगदान को कभी नहीं भूल पाएगा।
जेटली ने सदैव जनता की आवाज का प्रतिनिधित्व कियाः गुप्ता
दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका निधन न केवल देश के लिए अपितु उनके लिए एक बहुत बड़ी निजी क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक थे। चाहे वे विपक्ष में रहे हों या सरकार में, उन्होंने सदैव जनता की आवाज का प्रतिनिधित्व किया और सुनिश्चित किया कि उनकी भावनाओं को सरकार में तवज्जो मिले। उनके जीवन का हर पल राष्ट्र को समर्पित रहा। स्वर्गीय अरुण जेटली को भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने के लिए उनके महान योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
वित्त मंत्री के रूप में जेटली के कार्यकाल में सबसे बड़े संरचनात्मक सुधारों में से एक जीएसटी को लागू किया गया। वे हमेशा छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों की चिंताओं के प्रति सजग थे। जेटली सकारात्मकता का वह प्रकाशपुंज थे जिनके पास हर समस्या का हल था। उनकी मृत्यु से जो रिक्तता हुई है उसे पाटना अति कठिन है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्य के रूप में जेतली ने वित्त एवं रक्षा मंत्रालय के भार को बखूबी संभाला तथा अक्सर सरकार के लिए मुख्य संकट मोचक के रूप में कार्य किया।