नई दिल्ली/कुमार आलोक भास्कर। दिल्ली विधानसभा (delhi legislative assembly) के चुनावी लड़ाई का मुद्दा कहीं न कहीं लोगों के स्वास्थ्य और प्रदूषण को लेकर भी लड़ा जाएगा। इसके साफ संकेत मिलने शुरु हो गए है। राजधानी को पहले डेंगू से मुक्ति और अब pollution में भारी कमी के दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) के कथित दावे पर बीजेपी (bjp) ने जोरदार प्रहार किया है।
बीजेपी ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन पर उठाया सवाल
आज पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल (vijay goel) ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केजरीवाल की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह दोनों मामला में दिल्ली सरकार (delhi government) की बहुत ही सीमित भूमिका है या कह सकते है कि न के बराबर है, फिर भी केजरीवाल जनता के करोड़ों रुपये के टैक्स के तौर पर जमा किये पैसे को विज्ञापन में बहा रही है। जिससे केजरीवाल की मंशा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन (Odd-Even) पर भी सवाल उठाया है।
करोड़ों रुपये विज्ञापन में बहा रही है केजरीवाल सरकार
विजय गोयल ने कहा कि बहुत ही हास्यापद है कि जहां डेंगू से राजधानी को मुक्ति दिलाने में mcd के उपलब्धि को दिल्ली सरकार खुद का बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है। तो वहीं pollution को लेकर केजरीवाल के ताजा प्रचार पर भी एक बार फिर से झूठ बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकारी विज्ञापन में लुटियन जोन को बार-बार दिखा रहे है। जबकि सच तो यह है कि यह लुटियन जोन तो NDMC के अधिकार क्षेत्र में आता है। दिल्ली सरकार को अपने विज्ञापन में जहांगीर पुरी जैसे क्षेत्रों को दिखाना चाहिये। जहां pollution में सरकार की पोल खुल जाती है।
जनता को भ्रमित करना बंद करें
उन्होंने कहा कि आंकड़ों के कलाबाजी दिखाकर एक बार फिर जनता को भ्रमित करने की कोशिश में जुट गई है, जिसमें वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने अपने बात के समर्थन में कहा कि आज जिस पीएम 2.5 के कम होने की बात की जा रही है असल में वो 128 पर पहुंचा हुआ है जबकि नौटंकी केजरीवाल इसे 115 दिखा रहा है। जबकि पीएम 10 पर केजरीवाल खामोश है क्योंकि इसका स्तर आज भी 277 है और 2014 में यह 295 पर था। कहीं न कहीं एक बार फिर से केजरीवाल जनता के आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है।
मोदी सरकार की दूरगामी नीतियों के कारण कम हुए प्रदूषण
बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि असल में pollution को लेकर जो भी सुधार दिख रहा है उसके लिये मोदी सरकार की दूरगामी नीतियों के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब कहीं पर भी सरकार सत्ता में आती है तो अपने चुनावी वायदे को पूरी करने में जुट जाती है। लेकिन यह पहली सरकार है जो जाते हुए काम कर रही है। जनता भी केजरीवाल के नौटंकी को समझ चुकी है।
उन्होंने कहा कि ऑड-इवन आखिर 3 साल बाद क्यों राजधानी में लागू किया जा रहा है। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि यह ऑड-इवन से pollution को कम करने में कोई मदद नहीं मिली है। क्योंकि वाहनों से मात्र केवल नौ प्रतिशत ही प्रदूषण होता है। एनजीटी और टेरी ने भी दिल्ली सरकार के इस प्रयास को नाकाफी बताया है। फिर भी केजरीवाल करोडों रुपये विज्ञापन पर खर्च कर रही है।
असली मुद्दों से ध्यान भटकाने में जुटी है केजरीवाल
उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपने corruption से ध्यान हटाने के लिये इस तरह के नौटंकी करके जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस वे के बनाने से लगभग 60,000 गाड़ियां बाहर से बाहर ही जा रही है। जिससे दिल्ली के pollution में भारी कमी देखने को मिली है। वहीं मोदी सरकार ने पराली के निस्तारन के लिये पंजाब और हरियाणा सरकार को 11,000 करोड़ रुपये दिये है।