खास बातें
घरेलू उद्योगों की सीमा बढ़ाकर 11 किलोवाट और नौ मजदूरों तक हुई
ट्रेड लाइसेंस के लिए अब 12 की जगह केवल दो प्रमाण पत्र जमा कराने होंगे
500 वर्ग मीटर तक के घरेलू नक्शों को पास कराने के लिए नहीं जाना होगा एमसीडी दफ्तर
चुनाव आते ही राजनीतिक दलों को हर समस्या का हल 'सूझने' लगा है। अब 11 किलोवाट तक बिजली की खपत करने वाले और अधिकतम नौ मजदूरों को लगा कर चलाए जा रहे घरेलू उद्योगों की सीलिंग नहीं की जा सकेगी। दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके पहले पांच किलोवाट बिजली के लोड और पांच से अधिक मजदूरों वाले घरेलू उद्योगों को भी सील किया जा रहा था।
इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया था, लेकिन इस आदेश के पारित होने से घरेलू उद्योग चलाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यह राहत केवल गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को ही मिलेगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने मंगलवार को एक प्रेस कांफेंस के दौरान बताया कि भाजपा शासित तीनों नगर निगमों ने तीन बड़े फैसले किए हैं, जिसकी वजह से लाखों लोगों की जिंदगी आसान बनेगी। उन्होंने कहा कि अब सीलिंग के नाम पर घरेलू इकाइयों को नहीं डराया जा सकेगा।मकान के नक्शे भी ऑनलाइनगोयल के मुताबिक दिल्ली में मकान बनाने के लिए लाइसेंस लेने के मामले में भी लोगों को बड़ी राहत दी गई है। अब लोगों को 500 वर्ग मीटर तक की एरिया में मकान बनवाने के लिए नक्शा पास करवाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अब किसी प्रमाणित आर्किटेक्ट से पास करवाया हुआ नक्शा और जमीन पर मालिकाना हक का प्रमाण पत्र जमा करने से प्रस्तावित मकान का नक्शा पास हो जाया करेगा। नक्शे में 'बिल्डिंग बाइलाज' नियमों की किसी अवहेलना पर मकान मालिक नहीं, बल्कि आर्किटेक्ट जिम्मेदार माना जाएगा। ये दोनों प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन जमा करवाए जा सकेंगे। यानी इसके लिए भी लोगों को अब एमसीडी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। घर बैठे मिलेगा ट्रेड लाइसेंसदिल्ली बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि अब तक ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए लगभग दर्जनों प्रकार के दस्तावेज जमा करवाने पड़ते थे। इसमें भ्रष्टाचार की काफी संभावना होती थी और लोगों को परेशान भी होना पड़ता था। लेकिन अब केवल जमीन पर उद्योग चलाने का किराया समझौता पत्र या मालिकाना हक और आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र देकर ही ट्रेड लाइसेंस मिल जाएगा।
इसके लिए किसी व्यापारी को एमसीडी तक जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वह इसे एमसीडी के पोर्टल पर ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा। इस तरह व्यापारी को व्यापार करने में सहूलियत होगी।