नई दिल्ली पानी के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, राज्यसभा सांसद विजय गोयल, सांसद प्रवेश साहिब सिंह और सांसद मीनाक्षी लेखी एक साथ सामने आए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि पानी के सैंपल की जांच भारतीय मानक ब्यूरो ने किया है। उसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। लेकिन सीएम पहले ऐसे व्यक्ति है, जो ऐसी संस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, पटना, चेन्नै, त्रिवेंद्रम सहित 13 शहरों से पानी के सैंपल लिए थे और उनके सैंपल भी फेल हैं। उन राज्यों की सरकारों ने जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और पानी की गुणवत्ता को ठीक करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। लेकिन दिल्ली सरकार ही नाकामियों को छिपाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ रही है। इस संबंध में उन्होंने बैठक भी बुलाई थी, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी आए, लेकिन दिल्ली जलबोर्ड का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुआ।
विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार को खुद अपने पानी पर भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय में आरओ लगा है। आधी दिल्ली टैंकर और अंडरग्राउंड वॉटर पीने को मजबूर है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 300 जगहों से पानी के सैंपल लिए गए थे और सारे सैंपल सभी मानकों पर फेल हो गए। पानी को लेकर दिल्ली सरकार सरकार की कवायदों को तिवारी ने ड्रामा बताया। सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से अधिक पानी शुद्ध कर रहे है। इसके चलते पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि 72 साल बाद भी दिल्ली साफ पानी को लेकर जूझ रही है। 15 सालों तक कांग्रेस पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ती रही और अब आम आदमी पार्टी भी इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है।