Vijay Goel

In News

Delhi has become worse than “narak”- Supreme Court;

–        Kejriwal hatao, Dilli Bacho- Goel

–        Goel asks DPCC, CPCB and SAFAR for report on Odd-Even;

New Delhi, 25th November, 2019: MP and former BJP Delhi President, Vijay Goel, said that the situation of air pollution and water is deplorable in Delhi that even Supreme Court had to intervene by taking suo-motu cognisance. Reprimanding Delhi government, Supreme Court remarked that “Delhi has become worse than narak”. Goel asked that if Kejriwal will still stick to blame-game politics? Kejriwal has left Delhhites who had elected him with so much trust to fend for themselves.

Goel said that Delhi government’s minister, Satyendra Jain had promised in 2016 to install smog free towers and mist machines in Delhi. It has been three years since then and Kejriwal has been sitting idle except for wasting crores on advertisements. Neither did Kejriwal curb dust from road, construction and demolition nor did he plant any trees in Delhi or controlled industrial pollution.

Goel said that the situation is such that Supreme Court had to ask Central Government to prepare a comprehensive plan to install smog free towers in Delhi.

Goel said that it is Government’s responsibility to do long term planning but Kejriwal government miserably failed to do it.

Goel said that he has written to Delhi Pollution Control Board, Central Pollution Control Board and SAFAR asking to furnish a report on Odd-Even and if it had any effect to curb pollution levels. If not, then Kejriwal should be made personally liable to pay for advertisements on which he has wasted crores.

Goel said that for five years, Kejriwal kept shouting that Central Government and Modi ji are not letting him work. Truth is that for five years, he did not implement Central Government schemes. Now, just a few months before election, Kejriwal government is busy handing out sops to people.

नवभारत टाइम्स- पानी के मुद्दे पर फिर बीजेपी ने सरकार को घेरा

नई दिल्ली पानी के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, राज्यसभा सांसद विजय गोयल, सांसद प्रवेश साहिब सिंह और सांसद मीनाक्षी लेखी एक साथ सामने आए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि पानी के सैंपल की जांच भारतीय मानक ब्यूरो ने किया है। उसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। लेकिन सीएम पहले ऐसे व्यक्ति है, जो ऐसी संस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, पटना, चेन्नै, त्रिवेंद्रम सहित 13 शहरों से पानी के सैंपल लिए थे और उनके सैंपल भी फेल हैं। उन राज्यों की सरकारों ने जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और पानी की गुणवत्ता को ठीक करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। लेकिन दिल्ली सरकार ही नाकामियों को छिपाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ रही है। इस संबंध में उन्होंने बैठक भी बुलाई थी, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी आए, लेकिन दिल्ली जलबोर्ड का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुआ।

विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार को खुद अपने पानी पर भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय में आरओ लगा है। आधी दिल्ली टैंकर और अंडरग्राउंड वॉटर पीने को मजबूर है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 300 जगहों से पानी के सैंपल लिए गए थे और सारे सैंपल सभी मानकों पर फेल हो गए। पानी को लेकर दिल्ली सरकार सरकार की कवायदों को तिवारी ने ड्रामा बताया। सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से अधिक पानी शुद्ध कर रहे है। इसके चलते पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि 72 साल बाद भी दिल्ली साफ पानी को लेकर जूझ रही है। 15 सालों तक कांग्रेस पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ती रही और अब आम आदमी पार्टी भी इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है।

News 18- Debate over Delhi’s Water Quality Finds its Way to RS as Vijay Goel Fires at AAP

New Delhi: BJP and Aam Aadmi Party (AAP) members clashed in Rajya Sabha on Friday over the quality of water being piped to households in the national capital, prompting an angry response from Chairman M Venkaiah Naidu who asked members to maintain decorum.

Trouble started when BJP's Vijay Goel was called to make his Zero Hour submission on the quality of water in Delhi. As Goel began speaking on the "poor quality and unsafe water" in Delhi, AAP's Sanjay Singh started countering him in a loud voice.

Naidu ordered that Singh's comments would not go on record and should not be reported. He asked him to sit down as no allegation against any person or government has been made. But Singh continued, angering Naidu.

"Are you the minister to correct it," he asked Singh. Naidu also told Goel that any display of articles published in newspapers, or any other items such as air purifiers, water bottles or pollution masks is "totally unauthorised and is not allowed in the House. The BJP leader had displayed newspaper articles during a short duration discussion on pollution in Delhi on Thursday. Naidu said no member can bring pressure on the Deputy Chairman by such actions.

Rajya Sabha was being presided over by Deputy Chairman on Thursday when Goel had displayed the news article. "Please follow rules, decency and decorum," Naidu said, adding Rajya Sabha is a House of Elders and is supposed to live up to its name.

In his Zero Hour submission on Friday, Goel said quality of water supplied in Delhi is a matter of concern as most households either use ROs to filter it or consume bottled water.

He said Delhi needs 3,800 million litres of water a day but in absence of adequate supplies, residents have to depend on borewells to serve their needs.

As much as 40 per cent of the water piped in the city is being wasted during transmission due to leakage and theft, he said, adding 25 per cent of the habitation particularly

unauthorised colonies had no water pipelines.

Sale of air purifiers and ROs in Delhi would bear testimony to the quality of water and air in the national capital, he said. On the AAP countering the report of water samples tested by the Union Consumers Affairs Ministry, he said Union Minister Ram Vilas Paswan has suggested that teams of officials drawn from the Centre and Delhi government be constituted for collecting samples and testing.

He questioned the delay in constituting such teams. Geol was constantly countered by AAP's Singh only to be overruled by Naidu.

दैनिक जागरण- दिल्लीवासियों की उम्र 10 साल क्यों कम कर रहे केजरीवाल, खुद के लिए लगवाया RO: भाजपा सांसद

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Delhi water quality: राष्ट्रीय राजधानी में दूषित पानी को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। दिल्ली भाजपा के सांसदों ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में लोग दूषित पानी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि जांच में दिल्ली का पानी फेल हुआ तो मुख्यमंत्री इसे गंभीरता से लेने के बजाय नाराज हो रहे हैं। जीवन से जुड़े इस मुद्दे को वह राजनीतिक मुद्दा बता रहे हैं।

मनोज तिवारी ने साल 2014, 2015 और 2019 में पानी को लेकर केजरीवाल के बयान का वीडियो और दूषित पानी की समस्या लेकर लोगों की प्रतिक्रिया दिखाकर मुख्यमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समस्या हल करने के बजाय भारतीय मानक ब्यूरो और जनता को झूठा बता रहे हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने लगाया केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झूठ बोलने की आदत है। भारतीय मानक ब्यूरो देश की प्रतिष्ठित संस्था है। आजादी के समय से काम कर रही है। केजरीवाल को छोड़कर अबतक किसी ने भी मानक ब्यूरो की रिपोर्ट या सत्यापन पर किसी ने प्रश्न नहीं उठाया है। दिल्ली सहित 13 शहरों के पानी के नमूने लेकर जांच की गई, किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट पर विरोध नहीं किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल समस्या हल करने के बजाय रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली में बच्चों में जलजनित बीमारियां बढ़ रही हैं। दूषित पानी की समस्या संवेदनशील और लोगों के स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है। केंद्र ने दूषित पानी को लेकर बैठक बुलाई थी जिसमें दिल्ली के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए।

केजरीवाल दें 900 करोड़ रुपये का हिसाब
राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में लोगों को पीने के लिए 3840 मिलियन लीटर पानी चाहिए। जल बोर्ड पानी उपलब्ध कराने में असमर्थ है। यहां पर 30 फीसद पानी बर्बाद हो जाता है। दिल्ली के लोग जलजनित बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं लेकिन केजरीवाल इस पर सियासत कर रहे हैं। जिन घरों से सैंपल लिए गए थे उनके घरों में आप कार्यकर्ता और विधायक पहुंच रहे हैं।

विजय गोयल ने दूषित पानी के लिए दिल्ली जल बोर्ड के मुखिया सीएम अरविंद केजरीवाल और टैंकर माफिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को केंद्र से मिले 900 करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए।

दूषित पानी देकर केजरीवाल लोगों की उम्र 10 वर्ष कम कर रहे हैं- प्रवेश वर्मा

उधर, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने खराब हवा और दूषित पानी देकर दिल्लीवासियों की उम्र दस वर्ष कम कर रहे हैं। दिल्ली में 20 फीसद लोग आरओ का खर्च नहीं उठा सकता। दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय में सात लाख से ज्यादा दूषित पानी की शिकायत की गई। सरकार को बताना चाहिए कि शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई। ग्रामीण इलाके में पानी नहीं पहुंच रहा है। जहां पानी पहुंच रहा है वह जहर है।

सीएम बताएं सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास में क्यों लगे आरओ

वहीं भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 2015 में केंद्र सरकार ने दिल्ली को पानी के लिए 900 करोड़ दिए थे। दिल्ली के पास पानी फिल्टर करने के लिए पर्याप्त संयंत्र नहीं है। लोग आरओ लगाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री बताएं कि यदि स्वच्छ पानी की आपूर्ति हो रही है तो सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास में आरओ क्यों लगाए गए हैं।

Kejriwal engaging in politics of deceit- Goel

– Kejriwal trying to escape accountability on BIS’s report;
– Kejriwal first increased the water-sewer charges, now reducing them- Goel
New Delhi, 23rd November, 2019: MP and former BJP Delhi President, Vijay Goel, raised pertinent questions on Kejriwal government’s waiver of sewer-water charges.
Goel questioned that those who had paid their dues honestly while taking sewer-water connection, will Kejriwal government repay them their money? Goel said that situation of Jal Board is so deplorable that it cannot even pay salaries of its employees on time.
Exposing the facts of Kejriwal’s conference, Goel said that—
1. Kejriwal is engaging in politics of deceit. First, he increased the water-sewer charges of 200m and 300m plots to Rs. 1,14,110 and Rs 1,24,110. This pushed people not to be able to install water-sewer pipelines in their houses and then Kejriwal is showing that he has reduced these charges to Rs 2310.
2. Goel said that Kejriwal has himself agreed that a lot of places are getting dirty water. Now that his government’s term is about to end, he is misleading people by telling them to register complaints on dirty water. Goel asked that why did Kejriwal not do this in last five years?
3. Goel said that Kejriwal could not even give examples of 15 places where he has installed pipelines and provided clean water to people.
4. Goel said that Kejriwal himself conceded in his press conference that he was unsuccessful in cleaning Delhi’s water in last five years. This is same Kejriwal who five years ago was making claims of providing tapped water at everyone’s doorsteps.
5. Kejriwal’s own government is drinking bottled water or RO water but they have forced 2 crore Delhiites to drink dirty water.
Goel told that during Kejriwal’s tenure, Jal Board faced a deficit of Rs 800 crores in last two years.
Goel said that Kejriwal sat idle for last five years in Delhi. If Delhi’s water is clean, then who is responsible for more than 21 lakh Diarrhoea cases in last four years? In 2018 itself, more than 36000 complaints were filed against Delhi Jal Board. What happened to those complaints? BIS’s report on Delhi’s water situation has exposed Kejriwal and to escape accountability, he is trying to deceit Delhiites. 

India Tv News- Delhi air quality turns severe; Vijay Goel rides bicycle to Parliament

Delhi's air quality turned severe on Thursday due to calm winds and high humidity. The overall air quality index in the national capital was 356 at 9:30 am on Thursday. The AQI at Rohini (411), Anand Vihar (411) and Bawana (404) entered the severe zone in the morning. According to the India Meteorological Department, very low wind speed and high humidity due to shallow fog in the morning led to the accumulation of pollutants.

A senior IMD scientist said the air quality is expected to remain severe on Thursday and Friday.

Meanwhile, former Union Minister Vijay Goel arrived at the Parliament on a cycle on Thursday. Goel was clicked wearing an anti-pollution mask and a bottle filled with muddy water was placed at the front of his cycle. 

The former Union Minister, in an attack on Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, said only politics was played on pollution in the city.

"The chief minister of Delhi has only played politics over pollution in the national capital," Vijay Goel said. 

According to the government's air quality monitoring and forecasting body, SAFAR, relief is expected only on Saturday with an increase in wind speed which will disperse pollutants faster.

Indian Express- AAP didn’t take steps to tackle air pollution in last 5 years: Vijay Goel

NEW DELHI: BJP leader Vijay Goel on Thursday accused the Arvind Kejriwal-led AAP government in Delhi of not taking enough measures to address air pollution in the national capital over the last five years.

"Kejriwal did not take steps to tackle air pollution and bad water quality. He did not show his concern to around two crore people of Delhi. Earlier, water was not coming in Delhi but now water is coming, but it's contaminated. They are doing politics on this matter. Even the Supreme Court said that the odd-even scheme is not enough to tackle air pollution," he told ANI.

"90 per cent pollution happens from local sources such as road construction, smoke coming out from vehicles, dust and industrial pollution. Stubble burning was an excuse. It was being done for the last 30 days. So, the Kejriwal government has not done anything in the last five years," Goel said.

The air quality in Delhi and its adjoining areas such as Gurugram, Noida, Ghaziabad and Faridabad again plunged to 'very poor' category on Thursday and is expected to fall into 'severe' category by tomorrow, according to System of Air Quality and Weather Forecasting And Research (SAFAR).

Today, the overall Air Quality Index (AQI) of the national capital docked at 312.

Earlier today, Environment Minister Prakash Javadekar said that a comprehensive plan for Delhi NCR has been developed identifying the timelines for abating and controlling air pollution in the region.

"In order to abate and control air pollution in Delhi NCR, we have undertaken several initiatives. A high-level task force was constituted under the chairmanship of the Principal Secretary to the Prime Minister. Regular review meetings have been held," Javadekar said in the Rajya Sabha.

"The Centre has notified a graded response action plan for Delhi NCR for different levels of pollution," he added.

नवभारत टाइम्स- गोयल ने फिर ऑड-ईवन पर सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद व दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने गुरुवार को फिर ऑड-ईवन पर दिल्ली सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण स्तर 370 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। स्थिति इतनी गंभीर है कि लोग शहर छोड़ कर भाग रहे हैं। प्रदूषण की वजह से कैंसर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदूषण से बचने के लिए लोग अब ऑक्सिजन भी खरीदने लगे हैं। गोयल ने आरोप लगाया कि दिल्ली में ऑड-ईवन प्लान पूरी तरह से फेल रहा। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ऑड-ईवन प्लान लोअर और मिडिल क्लास को तंग करने वाला प्लान है। जब तक दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को ठीक नहीं किया जाता, तब तक प्रदूषण कम नहीं हो सकता। वह गुरुवार को साइकल चला कर संसद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि साइकल स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए ही अच्छा है।

इंडिया टीवी- दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ हुई, मास्क लगाकर साइकिल से संसद पहुंचे विजय गोयल

नयी दिल्ली: आज दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है। हवा की गति कम होने और आर्द्रता का स्तर अधिक होने के कारण दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सुबह साढ़े नौ बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 356 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि वायु गुणवत्ता गुरुवार और शुक्रवार को बेहद खराब श्रेणी में बनी रह सकती है। सरकारी वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर ने बताया कि शनिवार को हवा की गति बढ़ने की उम्मीद है जिससे प्रदूषक तत्व छितरा जाएंगे और प्रदूषण से राहत मिल सकती है।

वहीं हवा और पानी को लेकर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल आज साइकिल से संसद पहुंचे। गोयल ने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था और साइकिल के आगे गंदे पानी की बोतल रखी हुई थी। गोयल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली के सीएम ने 5 साल तक प्रदूषण पर सिर्फ पॉलिटिक्स की।

सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद सरकार बहस के लिए तैयार तो हुई लेकिन सांसदों ने इस बहस में जिस तरह की लापरवाही दिखाई और बहस से दूरी बनाई, उससे इस सीरियस मसले पर उनकी नॉन-सिरियसनेस को दिखाता है। हालांकि आज राज्यसभा में पर्यावरण मंत्री बताएंगे उनके पास इस मसले के हल के लिए क्या प्लान है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी पराली का जलना जारी है। बीजेपी बोल रही है दिल्ली के लिए केजरीवाल जिम्मेदार हैं जबकि हरियाणा और यूपी में बीजेपी की सरकार है तो केजरीवाल को बोलने के लिए पराली का ढाल मिल गया है। प्रदूषण पर बैठक होती है तो 50 में से सिर्फ चार सांसद पहुंचते हैं। कितनी गंभीर है सरकार आप अंदाजा लगा लीजिए। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बस एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं।

पंजाब केसरी- ऑड-ईवन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हमारी बात पर मुहर : विजय गोयल

नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद व प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने केजरीवाल सरकार की ऑड-ईवन योजना की पोल खोलते हुए कहा कि जहां एक ओर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से जनता बेहाल है, वहीं दूसरी ओर बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल हुई केजरीवाल सरकार के काम को फ्लॉप स्कीम बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में 60 प्रतिशत से ज्यादा प्रदूषण दिल्ली सरकार के पांच साल तक हाथ पर हाथ धरे रहने के कारण है। 

इस मौके पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति अध्यक्ष जय प्रकाश एवं प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल उपस्थित थे। विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में आज भी प्रदूषण का स्तर 505 यानी हानिकारक है। ऑड-ईवन पर केजरीवाल सरकार जिस तरह से नाटक कर रही थी, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात पर मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल में यदि हिम्मत है तो अब दोबारा से ऑड-ईवन लागू कर दिखाएं। 

विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कुल मिलाकर 12 दिन ऑड-ईवन को लागू किया जिसमें तीन दिन की छूट दी गयी। ऑड-ईवन का पालन न करने वाले 48,885 लोगों के चालान इस दौरान कटे। चालान कटने से लोगों को केवल परेशान किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन को लेकर पहले कोई भी स्टडी नहीं की और बिना यह जाने की इससे प्रदूषण पर कितना फर्क पड़ता है यह योजना लागू कर दी। 

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