Vijay Goel

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दैनिक जागरण- दिल्ली में ऑड-इवेन फेल, प्रदूषण बढ़ने पर केजरीवाल दें सीएम पद से इस्तीफाः विजय गोयल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ऑड-इवेन का विरोध करने वाले राज्यसभा सदस्य और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने रविवार को जंतर-मंतर पर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने ऐलान किया कि अगर, मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने फिर से ऑड-इवेन लागू किया तो जनता सड़क पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने प्रदूषण के दौरान मास्क बांटने के नाम पर घोटाले के आरोप लगाए और दावा किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनने के बाद एक साल के भीतर प्रदूषण को खत्म किया जाएगा।

दिल्ली सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि ऑड-इवेन के उल्लंघन पर जुर्माना चार हजार से 500 रुपये करके दिखाए फिर पूरी दिल्ली सड़क पर होगी। करीब पांच हजार लोगों ने इसका उल्लंघन करके जुर्माना भरा है।

प्रदूषण से दिल्ली की जनता को बीमार करने वाले मुख्यमंत्री को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। वह तुरंत इस्तीफा दे। केजरीवाल सरकार ने पांच साल तक प्रदूषण के खिलाफ एक भी कार्य नहीं किया। अब ऑड-इवेन का नाटक कर रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को ऑड-इवेन को लेकर फटकार लगाई है। 60 फीसद दिल्ली का प्रदूषण स्थानीय कारणों से होता है। ऑड-इवेन प्रदूषण का कोई हल नहीं है।

भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह ने कहा कि केजरीवाल को जेल होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऑड-इवेन को नियोजित रूप से लागू नहीं किया। जो तीन हजार बसें लाने का वादा किया गया था उल्टे एक हजार बसें कम हो गईं। इतना ही नहीं प्रदूषण और बड़ा स्मॉग फ्री टॉवर और वैक्यूम क्लीनर भी सरकार ने नहीं लगाए।

If BJP comes into power, will reduce pollution in 1 year- Goel

– Kejriwal to learn lesson from Supreme Court's reprimand.
– If Odd-Even again, Delhiites will protest;

New Delhi, November 17, 2019: Under the leadership of MP and former BJP Delhi, Vijay Goel, BJP Delhi held a protest on pollution at Jantar Mantar. Goel was accompanied by Union Minister R.P Singh and standing committee chairperson Shri Jay Prakash and hundreds of others.
BJP has been rounding AAP on its failures to curb pollution. BJP claimed that Kejriwal government did not do anything to curb pollution and now is doing the gimmick of Odd-Even. People protesting were holding placards saying "Pradooshan ki jimmedaar, Kejriwal sarkaar, Odd-Even hai bekar" .
Goel said that even Supreme Court has reprimanded Kejriwal government that it failed to curb local reasons of pollution which contribute 60% pollution like road dust, construction dust, industrial dust and garbage dump. Supreme court also said that odd-even is not a solution to pollution. Despite Odd-even, pollution has reached hazardous levels. Delhi government did not undertake any study on Odd-Even and without any impact assessment, it implemented Odd-Even.
Goel said that if Kejriwal implements Odd-even now, people will protest against it. Despite the challan being Rs 4000, more than 4885 people have been challaned under Odd-Even. This means that people are facing inconvenience. Kejriwal did seek co-operation from anyone.
Goel said that corruption has taken place on the name of Odd-Even and crores have been wasted on advertisements. Kejriwal's 50 lakhs mask distribution should be investigated. This money should be taken from Kejriwal's own pocket. Kejriwal should be held accountable for money wasted on Odd-Even.
Goel said that stubble burning is an excuse. If stubble burning contributes to pollution then why Odd-Even? If BJP comes into power after next legislative assembly elections, it will curb pollution in one year.
Union Minister R.P Singh said that Kejriwal should be jailed for not implementing Odd-Even properly. It had promised to being 3000 buses but instead, bus strength reduced by 1000. It also contributed to pollution levels. It failed to install a smog tower and vacuum cleaner in Delhi. Last year, NGT had fined Delhi Government for 25 crores.
Jay Prakash said that if Central Government would not have implemented Eastern-Western peripheral highways then it would have been impossible to live in Delhi. Delhi government did not release funds to MCD. Arvind Kejriwal's true face has been exposed to everyone.
 

नवोदया टाइम्स- अनधिकृत कॉलोनी: गोयल ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान, 17 नवंबर को लोगों को बुलाया अपने घर

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अनधिकृत कॉलोनी (Unauthorized Colony) का महासम्मेलन अंतिम समय में टालने के बाद अब एक बार फिर से पूर्व प्रदेश बीजेपी (BJP) अध्यक्ष विजय गोयल (Vijay Goel) इस मामले में आगे बढ़कर कार्य करने में जुटे हैं। विजय गोयल ने शुक्रवार को वरिष्ठ बीजेपी नेता विजय जौली के साथ संगम विहार की अनधिकृत कॉलोनी में पदयात्रा की। 

उन्होंने 17 नवंबर को कॉलोनी के लोगों को नियमितिकरण के तरीकों और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए अशोक रोड स्थित अपने आवास पर ही एक कैंप का आयोजन किया है। जिसमें लोगों को समझाया जाएगा कि किस कॉलोनी और किन मकानों के लिए लोगों को कितना शुल्क देना होगा और क्या प्रक्रिया इसमें अपनानी होगी।  

40 लाख लोगों को मालिकाना हक दिलाने का दावा
गोयल ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री उदय योजना’ में जो 1731 कालोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक देकर लाभ पहुंचाया जा रहा है, उसके लिए ताउम्र लोग मोदी के आभारी रहेंगे। उन्होंने इस दौरान लोगों के सवालों के जवाब भी दिये और घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान को भी अंजाम दिया।

1731 अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ
उल्लेखनीय है कि 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार (Central Government) ने अधिसूचना जारी करते हुए 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ कर दिया था। इस प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने की जिम्मेवारी पूरी तरह से डीडीए को सुपुर्द की गई है।

नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी
डीडीए के अनुसार कॉलोनियों के नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और इसके लिए वेबसाइट बनाई जा रही है। जिसके माध्यम से ही लोगों को नियमितीकरण के लिए आवेदन से लेकर अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा। इस प्रक्रिया में लोगों द्वारा आवेदन किए जाने पर उसकी सत्यता जांची जाएगी और उसके बाद ही नियमितीकरण की प्रक्रिया होगी।

नवभारत टाइम्स- ऑड-ईवन खर्चे की जांच हो: गोयल

एनबीटी न्यूज, नई दिल्ली : बीजेपी के राज्य सभा सांसद विजय गोयल ने कहा कि ऑड-ईवन के मसले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने वही रूख रखा है, जिसके बारे में वह शुरू से ही बोलते रहे हैं कि ऑड-ईवन लागू करने से दिल्ली के प्रदूषण को कोई खास फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि ऑड-ईवन से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और इसके ऊपर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं। गोयल ने ऑड-ईवन के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से किए गए खर्च की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि केजरीवाल सरकार को प्रदूषण को कम करने पर दूरगामी उपायों पर काम करना चाहिए।

Indian Express- Delhi a gas chamber despite Odd-Even scheme, says BJP’s Vijay Goel

NEW DELHI: BJP leader and Rajya Sabha MP Vijay Goel on Thursday staged a fresh protest against the Odd-Even’ vehicle rationing scheme, saying the city has become a “gas chamber” despite its implementation.

Goel, who had last week violated the rule and was fined Rs 4,000, was joined by his supporters who carried placards reading ‘Pradushan Ki Jimmedar Kejriwal Sarkar, Odd-Even Hai Bekar’ (Kejriwal government responsible for pollution, ‘Odd-Even’ is useless), at the ITO crossing.

“Despite the implementation of the ‘Odd-Even’ scheme, Delhi has turned into a gas chamber. Who will Arvind Kejriwal now blame for it as stubble burning isn’t there and Diwali can no longer be held responsible for it,” Goel said.

Chief Minister Arvind Kejriwal on Wednesday raised the issue of stubble burning in neighbouring Haryana and Punjab, accusing the BJP and Congress governments of not following Supreme Court orders to prevent the practice.

“There are fresh reports of stubble burning (in Punjab and Haryana). I am highly disappointed that (these) states are not obeying the directions issued by the Supreme Court. People in Delhi are suffering and I am very concerned about their health,” Kejriwal was quoted as saying.

“I am not against the ‘Odd-Even’ rule, but the political mileage being sought by Kejriwal in the garb of the plan in view of coming Assembly elections,” the BJP leader said. The vehicle rationing plan to cut emissions came into effect on November 4. 

The Quint- ऑड ईवन योजना पर केजरीवाल के खिलाफ गोयल का प्रदर्शन

भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने बृहस्पतिवार को वाहन चलाने की सम-विषम योजना के खिलाफ नये सिरे से प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस उपाय को लागू करने के बाद भी दिल्ली ‘गैस चैंबर’ बनी हुई है।

गोयल ने सम-विषम योजना शुरू होने वाले दिन भी इसका उल्लंघन किया था और उन पर 4000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

बृहस्पतिवार को आईटीओ चौराहे पर उनके प्रदर्शन में कई समर्थक भी शामिल हुए जिनके हाथ में ‘प्रदूषण की जिम्मेदार, केजरीवाल सरकार, ऑड इवेन है बेकार’ के नारे लिखे पोस्टर थे।

गोयल ने कहा, ‘‘सम-विषम योजना को लागू करने के बाद भी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। अब अरविंद केजरीवाल इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराएंगे। पराली नहीं जलाई जा रही और अब तो दिवाली को भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’’

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भी पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलाये जाने का मुद्दा उठाते हुए इन राज्यों की सरकारों पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।

गोयल ने कहा कि केजरीवाल ने पांच साल तक तो कुछ नहीं किया और अब सम-विषम योजना लाए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सम-विषम योजना के खिलाफ नहीं हूं, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योजना की आड़ में राजनीतिक लाभ उठाये जाने के, केजरीवाल के प्रयास के खिलाफ हूं।’’

दिल्ली में चार नवंबर से वाहन चलाने की सम-विषम योजना शुरू हुई थी जो 15 नवंबर तक चलेगी। हालांकि केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है।

Republic- Vijay Goel: ‘Kejriwal Government Did Not Act On The Major Factors Causing Pollution’

Rajya Sabha Member of Parliament (MP) and BJP leader Vijay Goel on Thursday said that the Arvind Kejriwal-led Delhi government has not dealt with major causes of pollution in its five-year term and has implemented the odd-even rule as a 'drama'. "The Kejriwal government did not act on the major factors causing pollution in its term of five years. In its last year of governance, Kejriwal enacted the odd-even rule which is just a drama. I am not against the rule as such but I oppose the lax way of implementation of the rule by the Delhi government," Goel told ANI. "Pollution is majorly caused by road dust, construction dust and burning of garbage. Kejriwal government did not act on these factors and imposed the odd-even rule as a populist measure," Goel added. 

Private and government-run schools in the Delhi and NCR region remain closed for Thursday and Friday as the air quality remains in the 'severe' category as of Thursday morning. The Air Quality Index (AQI) docked at 472 with particulate matter (PM) 2.5 levels at 322 and PM 10 levels at 487 at 8:30 in the morning, said System of Air Quality and Weather Forecasting And Research (SAFAR). An AQI between 201 and 300 is considered 'poor', 301-400 'very poor' and 401-500 'severe'. An AQI above 500 falls in the 'severe plus' category. 

"The effective stubble fire counts estimated by Safar-integrated multi-satellite methodology has shown a decreasing trend (480 counts on November 12). Hence, a decline in biomass share in Delhi's air quality is estimated as 13 per cent for November 14 in spite of favourable transport-level wind trajectory," SAFAR stated. Air quality condition is likely to marginally improve by Friday, but a reasonable improvement to the 'very poor' is expected only by November 16.

The Supreme Court, on Wednesday, criticised the Centre over deteriorating air quality in Delhi and asked the government to find a solution to the problem of air pollution. It asked the Centre to explore Hydrogen based fuel technology to find a solution to reduce air pollution in North India and Delhi-NCR. In reply, the Centre also told the Supreme Court that it is exploring technology, including that from Japan and is trying to tackle air pollution. Furthermore, it has been decided that the Centre will submit a report on the issue by December 3.

Goel highlights failures of Kejriwal government Odd-even by holding placard of “pradooshan ki jimmedaari, Kejriwal sarkaar”.

New Delhi, November 14, 2019: Calling Kejriwal's odd even a drama and an election gimmick, MP and former BJP Delhi President Vijay Goel expressed displeasure by holding a placard at ITO chowk. The placards read "pradooshan ki jimmedaar, Kejriwal sarkaar, Odd-Even hai bekar". Goel was surrounded by hundreds of people holding the placards against odd-even. A lot of people stopped their cars en route to tell Goel how odd-even is causing them great inconvenience. Kejriwal government is not doing anything except to cause them inconvenience.

Goel said that Kejriwal government is neither taking pollution seriously nor odd-even.

They've been blaming stubble burning on increased pollution levels then what is the need of Odd-even?
If they've to implement odd even sporadically then what is the point of Odd-even?
If 70% vehicles have been exempted from Odd-Even, how will it curb any pollution levels?
Goel said that Odd even is a mere gimmick to waste crores of taxpayers' money on advertisements. Thousands of volunteers have been hired in the name of Odd-even. Delhi has become a gas chamber.

Goel said that Kejriwal government failed to work on 90% of internal factors which cause Pollution. Now Kejriwal is under the false impression that he can mislead the people of Delhi by five days odd-even.

Goel said that Kejriwal should resign for making Delhi a gas chamber.

Even Supreme court has raised serious questions on the implementation of Odd-Even including a report of 2016-17 Odd Even and its impact analysis.

Goel said that even CPCB, DPCC EPCA etc have claimed that Odd-Even doens't impact pollution levels and even supreme court had noted that cars cause less pollution as compared to exempted two wheelers.

Goel appealed to RWAs, traders association to help curb Pollution at their own levels and inform the public how Kejriwal is fooling them in the name of Odd-even.

The Hindu- BJP demands White Paper on effectiveness of odd-even

BJP MP Vijay Goel on Tuesday demanded that the Aam Aadmi Party (AAP) government release a White Paper on the effectiveness of the ongoing odd-even scheme in reducing pollution in the Capital.

Mr. Goel alleged that the city continued to remain “a gas chamber” despite the implementation of the road-rationing scheme.

“On whom will [Chief Minister] Arvind Kejriwal shift the blame now? Even he knows that odd-even does not have any impact on pollution levels. The Delhi government is not worried about pollution levels despite the air quality being hazardous,” Mr. Goel said.

Holding the placard of “Na Diwali, Na Parali, Phir kyun hai dilli kaali” Goel to stand at ITO on failure of Odd-Even;

–       Kejriwal should inform how much money he has wasted on advertisements of Odd-Even- Goel;

New Delhi, 13th November, 2019: Holding Kejriwal government responsible for pollution in Delhi and on failure of Odd-Even, MP and former BJP Delhi President, Vijay Goel, will stand at ITO red light tomorrow holding placards of “na Diwali na parali, fir kyun hai dilli kaali”; “Odd-Even hai fail,, croreon kharch karne par Kejriwal ko bhejo jail”. Air quality at ITO today was hazardous at 400.
Goel said that the purpose of this is to highlight the failure of Odd-Even. He demanded that Kejriwal should inform the public about how much money he has wasted on advertisement of Odd-Even.
Goel questioned that now even stubble is not being burnt nor is Diwali being celebrated, what is the reason of pollution in Delhi now? Despite Odd-Even, Delhi has become a gas chamber. Whom will Kejriwal blame now?
Goel said that Odd-Even is just a joke for Kejriwal government. Even Supreme Court appointed EPCA has questioned the intent of Odd-Even stating that what is its purpose if more than 70% of vehicles have been exempted from it? Goel said that EPCA’s chairperson Bhurelal Ji and member Sunita Narain have been repeatedly emphasising on increasing public transportation in Delhi but Kejriwal government miserably failed to take any step in this direction in last five years.
Highlighting the grave situation in Delhi, Goel told that Praja foundation has recently released a white paper and according to it, Delhi has had only four “good” air days in last five years. Average air quality of Delhi in last four years has been in “very poor” category. Approximately, 10000 people lost their lives because of respiratory disorders in Delhi itself.
Goel told that since 4th November, more than 3000 people have been challaned for violating Odd-Even. This is the biggest example of failure of the scheme and how much inconvenience it has been causing to tehse people. Neither did Kejriwal government spread awareness about the scheme beforehand nor did it take any steps to improve public transport infrastructure. It also hindered the implementation of Metro Phase IV and did not let Central government work either.
Goel questioned that Delhi has had bad air quality throughout the year. Why is that Kejriwal did not do carpooling then or Sisodia Ji rode a bicycle to work? Was this just a gimmick for one day?

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